मुंबई। 8 नवम्बर की रात को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक देश को संबोधित करते हुए 500 और 1000 रु. के नोटों पर रोक लगाने की घोषणा की थी, तो किसी ने नहीं सोचा था कि एक महीने के अंदर ये सरकारी फैसला बॉलीवुड के कारोबार की कमर तोड़ डालेगा।
एक महीने के अंदर बॉक्स ऑफिस पर रिलीज हुई नई फिल्मों में से डियर जिंदगी को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश फिल्में इस नोटबंदी के चलते बॉक्स ऑफिस पर औंधी जा गिरीं।
सरकार के इस फैसले का सबसे पहले और सबसे बड़ी शिकार हुई फरहान अख्तर की फिल्म राक ऑन-2, जो ठीक तीन दिन बाद 11 नवम्बर को रिलीज हुई और 70 करोड़ के बजट वाली इस फिल्म पर नोटबंदी की बुरी मार पड़ी। इस फिल्म को 10 करोड़ का भी कारोबार नसीब नहीं हुआ।
इसके अगले शुक्रवार, 18 नवम्बर को दो बड़ी फिल्में रिलीज हुईं। विपुल शाह की एक्शन थ्रिलर फिल्म फोर्स-2 में जॉन अब्राहम-सोनाक्षी की जोड़ी थी और इसका बजट 60 करोड़ से ज्यादा था। बड़े सितारों की मौजूदगी भी इस फिल्म को बचा नहीं सकी और इसे 16 करोड़ के लगभग ही बिजनेस मिल सका।
फोर्स-2 के साथ रिलीज हुई म्यूजिकल रोमांटिक फिल्म तुम बिन-2 में निर्देशक अनुभव सिन्हा ने एक बार फिर नए चेहरों को पेश किया था। फिल्म का म्यूजिक अच्छा था, मगर नोटंबदी की मार से ये फिल्म भी नहीं बच सकी।
22 करोड़ के बजट वाली इस फिल्म की हालत कितनी खराब रही, ये इस बात से अंदाज लगाया जा सकता है कि बाक्स आफिस पर इसकी कमाई का आंकड़ा चार करोड़ पर ठहर गया।
25 नवम्बर को रिलीज शाहरुख खान और आलिया भट्ट की जोड़ी वाली डियर जिंदगी अगर किसी तरह से बच गई, तो इसकी वजह ये रही कि इसे कम प्रिंटस पर रिलीज किया गया। आम तौर पर शाहरुख खान की फिल्म 100 करोड़ से लगभग बजट से बनती है और 3500 से ज्यादा प्रिंटस पर रिलीज किया जाता है।
इसके विपरीत डियर जिंदगी का बजट 40 करोड़ रहा और इसे 1200 प्रिटंस पर ही रिलीज किया गया। इससे फिल्म ने 50 करोड़ के आसपास का कारोबार करके किसी तरह से अपनी जान बचा ली, क्योंकि खतरे को भांपते हुए इसके कारोबार में बड़ा बदलाव किया गया।
पिछले शुक्रवार को रिलीज हुई विद्या बालन की कहानी-2 का बजट बहुत बड़ा नहीं था, फिर भी इसे बॉक्स ऑफिस पर झटके लगते रहे। किसी तरह से ये फिल्म 20 करोड़ के आसपास की जुटा सकते है।
फिल्मी कारोबार के जानकारों की राय में एक महीने में फिल्म का कारोबार 60 से 70 प्रतिश्त नीचे गिरा है। खास तौर पर सिंगल थिएटरों में तो हालत इतनी खराब है कि वहां नई फिल्मों का प्रदर्शन बंद कर दिया गया है, क्योंकि सिंगल थिएटरों में टिकट सिर्फ कैश में ही बेचे जाते हैं और नोटबंदी के चलते सिंगल थिएटरों का कारोबार 80 से 90 प्रतिश्त तक गिरा है।
जानकार मानते हैं कि फिल्मी कारोबार को पूरी तरह से तबाह होने से मल्टीप्लेक्स थिएटरों ने बचा लिया, जहां कैश से ज्यादा टिकटों की बुकिंग आन लाइन होती है और पेमेंट के लिए क्रेडिट-डेबिट कार्ड इस्तेमाल होते हैं।
मल्टीप्लेक्स में भी कारोबार में कमी जरुर आई है और आंकड़े बताते हैं कि 40 से 50 प्रतिश्त तक गिरावट हुई है, फिर भी यहां का कारोबार बालीवुड के बिजनेस के लिए लाइफ-लाइन साबित हुआ।
इसी के मद्देनजर ज्यादातर फिल्मों के लिए मल्टीप्लेक्स के प्रिंटस बढ़ा दिए गए हैं। फिल्मी कारोबार के अलावा फिल्म मेकिंग पर भी इस नोटबंदी का बुरा असर पड़ा है।