नई दिल्ली। बच्चों में कुपोषण की समस्या को देखते हुए सांसदों की एक समिति ने राज्य सरकारों को मिड डे मील में ‘अंडा’, दूध, दूध से बने उत्पाद या केला शामिल करने की सलाह दी है।
यह सलाह भाजपा नेताहुक्मदेव नारायण यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार राज्यों की दी है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से संबद्ध संसद की स्थायी समिति ने अपनी एक रिपोर्ट में यह सुझाव दिया है।
उसने कहा है कि पशुपालन डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग कुपोषण और बीमारियों से ग्रस्त ग्रामीण, पिछडे तथा जनजातीय क्षेत्रों के लोगों को अंडे में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में बताएं और जागरुकता लाने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन करे।
पशुपालन डेयरी तथा मत्स्य पालन विभाग ने भी राज्य सरकारों को अंडे को मिड डे मील में शामिल करने का अनुरोध किया है।
हुक्मदेव नारायण यादव की अध्यक्षता वाली समिति ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने में पोल्ट्री क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिए आवश्यक है कि इन लोगों को पोल्ट्री फार्मिंग के क्षेत्र में और दक्ष बनाने के लिए व्यापक प्रशिक्षण प्रदान किया जाए जिससे उन्हें अपनी उत्पादकता बढ़ाने और सतत आय अर्जित करने में सहायता मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि भाजपा में अंडे को मिड डे मील योजना में शामिल करने को लेकर एक राय नहीं रही है। मध्यप्रदेश में इसको लेकर विवाद हो चुका है। फिलहाल आंध्र प्रदेश, अरुणाचाल, असम, झारखंड, केरल, उड़ीसा, तमिलनाडु आदि में अंडा या दूध दिया जा रहा है।