सबगुरु न्यूज उदयपुर। खुले बंदी शिविर में उम्र कैद की सजा भुगतने के दौरान भागे कैदी को बुधवार को अदालत ने दोषी करार देते हुए आठ माह के कारावास की सजा सुनाई। अब आरोपी की उम्र कैद की सजा के साथ-साथ यह सजा भी चलेगी।
प्रकरण के अनुसार जस्साखेड़ा भीम हाल दंडित बंदी केन्द्रीय कारागृह उदयपुर दौलत सिंह पुत्र हेम सिंह राजपूत 18 दिसम्बर 2016 को को खुले बंदी शिविर से भाग गया। 19 दिसम्बर 2016 को जेल सुपरिडेंट ने रिपोर्ट दी कि दौलत सिंह 31 जुलाई 2004 से प्रकरण संख्या 20/2004 भादसं की धारा 303 व 342 में उम्र कैद की सजा भुगत रहा था।
इसको एडीजे फास्ट ट्रेक राजसमंद ने सजा सुनाई थी। महानिदेशक कारागृह जयपुर राजस्थान के आदेश की पालनानुसार 26 जुलाई 2014 से बंदी दौलत सिंह खुला बंदी शिविर में रहकर सजा भुगत रहा था। उसी दौरान 18 दिसम्बर 2016 को दौलत सिंह ओपन जेल से फरार हो गया, जिसे सूरजपोल पुलिस ने पुनः गिरफ्तार किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजीव कुमार बिजलानी ने दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कहा कि कैदी दौलत सिंह ने आदेश का दुरुपयोग किया है। अदालत ने उसे दोषी करार देते हुए भादसं की धारा 224 व बंदी अधिनियम की धारा 11 (2) (ख) में आठ-आठ माह के कारावास की सजा सुनाई।