नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने जम्मू एवं कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति एवं केंद्र द्वारा अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त संख्या में तैनाती नहीं करा पाने के मद्देनजर अनंतनाग जिले में लोकसभा उपचुनाव रद्द कर दिया। यह उपचुनाव 25 मई को होना था। निर्वाचन आयोग ने अनंतनाग उपचुनाव रद्द करने के लिए 10 पृष्ठों की अधिसूचना जारी की।
अनंतनाग निर्वाचन क्षेत्र में दक्षिण कश्मीर के पुलवामा, कुलगाम, शोपियां और अनंतनाग जिले हैं। यहां पहले 12 अप्रेल को चुनाव होने थे।
घाटी में अलगाववादियों द्वारा मतदान का बहिष्कार करने के दौरान नौ अप्रेल को हुई हिंसा में आठ लोगों के मरने के बाद चुनाव 25 मई तक रद्द कर दिए गए थे।
ईसी की चुनाव समिति ने कहा कि आयोग ने घाटी में मौजूदा स्थिति और सुरक्षाबलों की अपर्याप्त तैनाती को देखते हुए विचार किया कि ऐसी स्थिति में 25 मई को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष चुनाव नहीं हो सकते।
ईसी द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक राज्य सरकार ने बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की मांग की थी। समिति ने अनंतनाग उपचुनाव कराने के लिए 687 कंपनियां या लगभग 68,700 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की मांग की थी।
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 28 अप्रेल को लिखे पत्र में तय समय में सुरक्षाबलों की तैनाती कराने में असमर्थता जताई थी।
अधिसूचना के मुताबिक उन्होंने अनुमानित जरूरत के 687 के मुकाबले सिर्फ 250 कंपनियों यानी लगभग 25,000 सुरक्षाबलों की मुहैया कराने की प्रतिबद्धता जताई है। लोकसभा उपचुनाव के प्रबंधनों के तहत अनंतनाग में पहले से ही सुरक्षाबलों की 54 कंपनियां (5,400 सुरक्षाकर्मी) तैनात हैं।
निर्वाचन आयोग ने बताया कि उन्होंने उपचुनाव को आगे स्थगित करने पर विचार किया था लेकिन रमजान और आगामी अमरनाथ यात्रा की वजह से यह व्यवहार्य नहीं था।
गौरतलब है कि महबूबा मुफ्ती के जुलाई 2016 में अनंतनाग सीट से इस्तीफा देने के बाद यहां उपचुनाव कराए जाने थे।