

नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि वह 2019 तक केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली दो कंपनियों, बेल (बीईएल) और ईसीआईएल से 16,15,000 वोटर वैरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनें खरीदेगा। रविवार को जारी एक आधिकारिक वक्तव्य में यह घोषणा की गई।
निर्वाचन आयोग द्वारा खरीदी जाने वाली इन वीवीपैट मशीनों की अनुमानित कीमत 3,173.47 करोड़ रुपए है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशकों को 21 अप्रेल को भेजे गए पत्र के अनुसार निर्वाचन आयोग ने हर पीएसयू से 8,07,500 वीवीपैट की खरीदारी की इच्छा जाहिर की है।
इस बयान में कहा गया कि यह वीवीपैट दोनों पीएसयू द्वारा तकनीकी विशेषज्ञों की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की समिति की सिफारिश के अनुसार अनुमोदित डिजाइन के तहत निर्मित किए जाएंगे।
इसमें कहा गया कि ईसीआई वीवीपैट की समय से आपूर्ति किए जाने के लिए उत्पादन पर बारीकी से नजर रखेगी, जिससे इसकी आपूर्ति 2019 के आम चुनावों से पहले समय हो सके।
बयान में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के हवाले से कहा गया कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदाता यह जान सकेंगे कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया। इससे मतदाताओं का निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा।