नई दिल्ली। देश में चुनाव सुधार को लेकर लंबे समय से चल रही बहस अब जोर पकड़ने लगी है।
समय-समय पर सरकार विभिन्न स्वयंसेवी संगठनों की ओर से चुनाव सुधार को लेकर की जा रही मांग को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी हाल ही में हवा दी, जिसके बाद से ही विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव सुधार को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
इस दिशा में पहल करते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग ने देश में उम्मीदवारों के दो सीटों से चुनाव लड़ने के प्रावधान को खत्म करने की सिफारिश की है। चुनाव आयोग ने केंद्रीय कानून मंत्रालय को भेजे गए चुनाव सुधार के प्रस्तावों में ये सिफारिश की है।
चुनाव आयोग ने इसके साथ ही और भी कई सुधारों की सिफारिश की है। चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर सरकार इस प्रावधान को बनाए ही रखना चाहती है तो उपचुनाव का खर्च उठाने की जिम्मेदारी सीट छोड़ने वाले उम्मीदवार पर डाली जाए।
विधानसभा व विधान परिषद के उपचुनाव के मामले में राशि 5 लाख और लोकसभा उपचुनाव में राशि 10 लाख होनी चाहिए। सरकार इसे समय-समय पर बढ़ा सकती है। आयोग ने कहा कि प्रत्याशी का सीट छोड़ना मतदाताओं से अन्याय के समान है।
इससे पूर्व चुनाव आयोग ने 2004 में भी इसकी सिफारिश भेजी थी। लेकिन इस पर आगे कोई कार्रवाई नहीं हुई। 1996 में संसद में पारित हुए संशोधनों के अनुसार यह नियम बना दिया गया कि कोई भी उम्मीदवार एक साथ ज्यादा से ज्यादा दो सीटों से चुनाव लड़ पाएगा।
इससे पहले उम्मीदवार कितनी भी सीट से चुनाव लड़ सकता था। चुनाव आयोग ने ये भी सिफारिश की है कि अगर किसी उम्मीदवार पर सरकारी एजेंसी का बकाया है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकेगा।