नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के संशय को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सात राष्ट्रीय तथा 48 क्षेत्रीय पार्टियों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
आयोग ने राजनीतिक दलों को आश्वस्त करने का प्रयास किया कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित बैठक में जनता दल (युनाइटेड) के नेता के.सी. त्यागी भी शामिल हुए।
हालांकि उन्हें किन्हीं कारणों से बैठक बीच में ही छोड़न निकलना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने बताया कि निर्वाचन आयोग के बाद आईआईटी के विशेषज्ञों ने भी राजनीतिक दलों के संदेहों को दूर करने की कोशिश की। देखते हैं, बैठक का क्या नतीजा निकलता है।
वहीं, राजौरी गार्डन से भाजपा के विधायक मंजिन्दर सिंह सिरसा ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने ईवीएम की सुरक्षा से संबंधित विस्तृत जानकारी दी और भरोसा दिलाया कि उनके साथ छेड़छाड़ बिल्कुल नहीं की जा सकती।
भाजपा नेता सिरसा के मुताबिक ईवीएम से छेड़छाड़ के संबंध में विभिन्न अदालतों में दायर 37 मामलों में से 30 पर फैसला आ गया है और सभी इसके पक्ष में आए हैं कि इनके साथ छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।
दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी तथा उत्तर प्रदेश की विपक्षी बहुजन समाज पार्टी ने इस साल फरवरी-मार्च में पांच राज्यों की विधानसभाओं के लिए हुए चुनाव के बाद ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उनका यह आरोप दिल्ली में हाल ही में संपन्न हुए नगर निगमों के चुनाव के संदर्भ में भी जारी रहा।
आप विधायक सौरभ भारद्वाज दिल्ली विधानसभा के एक विशेष सत्र के दौरान ‘डेमो’ दे चुके हैं कि ईवीएम से किस प्रकार छेड़छाड़ की जा सकती है। हालांकि निर्वाचन आयोग ने आप विधायक के ‘डेमो’ को सिरे से खारिज कर दिया है।
चुनाव आयोग ने भारद्वाज द्वारा इस्तेमाल किया गया मशीन ईवीएम की तरह दिखता है, लेकिन वह ईवीएम मशीन नहीं है, इसलिए इसका इस्तेमाल कोई भी जादू दिखाने या मशीन के साथ छेड़छाड़ दिखाने के लिए किया जा सकता है।