
वाराणसी। बीएचयू के विज्ञान संकाय के जियोलाजी विभाग में सोमवार को अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉन प्रोब माइक्रो एनालाइजर प्रयोगशाला का उद्घाटन नई दिल्ली स्थित जामिया मीलिया विश्वविद्यालय के कुलपति और डीएसटी एसइआरवी कमेटी फाॅर अर्थ साइंस के चेयरमैन प्रो.तलत अहमद ने किया। इस दौरान बीएचयू कुलपति प्रो.जी.सी. त्रिपाठी भी मौजूद थे।
विभाग के प्रो.एनवीसी राव ने बताया कि इस प्रयोगशाला में अध्ययन और प्रयोग से पता चलेगा कि धरती की टेक्टोनिक प्लेटें कितनी पुरानी हैं और कैसे स्थान परिवर्तन करती हैं । साथ ही एनालाइजर के जरिये टेक्टोनिक प्लेटों की गति और दिशा का अनुमान भी लगाया जाएगा।इसकी जांच भूकंप पूर्वानुमान तो नहीं देगी पर इनकी परिस्थति के मुताबिक लोगों को सावधान किया जा सकता है। इसके अलावा इलेक्ट्रॉन प्रोब माइक्रो एनालाइजर प्रयोगशाला से देश में खनिज सम्पदा का पता भी लगाया जा सकेगा। इसके लिए विभिन्न स्थानों से चट्टानों के टुकडे यहां लाकर उनके सूक्ष्मतम कणों का अध्ययन किया जाएगा।
एनालाइजर का उपयोग जियोलॉजी के अलावा मेटलर्जी, सेरामिक और मैटेरियल साइंस में किया जा सकता है। बताया कि बीएचयू के अलावा यह उपकरण पांडिचेरी विश्वविद्यालय और कुछ शीर्ष आईआईटी में लगा है। प्रो.राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि एनालाइजर के जरिये किसी चट्टान के निर्माण की प्रक्रिया जान सकते हैं। इसके लिए उस चट्टान के टुकडे का अध्ययन किया जाएगा। इसके जरिए चट्टानों या पहाडों से होने वाले खतरे के समय का अनुमान लगाया जा सकेगा। उद्घाटन के अवसर पर विभाग के प्रो.एचवी श्रीवास्तव,प्रो.मल्लिकार्जुन सहित शोध छात्र और छात्र छात्राएं उपस्थित थे।