जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि दूषित भोजन से जामडोली, जयपुर के सरकारी मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के बाल गृह में ग्यारह की मृत्यु बेहद र्दुााग्यपूर्ण एवं दु:खद है।
गहलोत ने शुक्रवार को फेसबुक पर की गई टिप्पणी में कहा है कि अभी भी कई बच्चे गंभीर हालत में हैं और इस प्रकरण में प्रदेश के समाजिक एवं न्याय मंत्री डा अरूण चतुर्वेदी द्वारा बच्चों की ‘कमजोर इम्यूनिटी’ को मौत का कारण बताया जाना अत्यन्त असंवेदनशील, गैरजिमेदार एवं बचकानी प्रतिक्रिया है।
उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के बाल गृह में बच्चों को लगातार संक्रमित भोजन दिया गया है जिसके कारण इतने मासूम बच्चे मौत के मुंह में समा गए। इसके लिए पूरी तरह से प्रदेश भाजपा सरकार और सबंधित विााग की जवाबदेही बनती है।
गहलोत ने कहा कि जवाबदेही जिमेदारी से पल्ला झाडते हुए भाजपा सरकार के मंत्रियों का यह रवैया एक परिपाटी बनती जा रही है। चाहे वह किसानों की आत्महत्याएं हो, चाहे स्वाइन लू से बडी तादाद में मौत का मामला या फिर कानून व्यवस्था हर मुंह पर भाजपा के मंत्री इसी तरह के अपरिपक्व और गैरजिमेदार बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी तंत्र की उपेक्षा से ही ऐसे हालात पनपे और मासूमों की मृत्यु हुई है।
गहलोत ने एक अन्य टिप्पणी में कहा है कि भीषण गर्मी व लू के समय मनरेगा में सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक कार्य करना श्रमिकों के लिए मुश्किल है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय भी गर्मी के दिनों में कार्यावधि घटाकर मनरेगा में श्रमिकों का समय सुबह 6 से 10 बजे का किया गया था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को अविलब मनरेगा श्रमिकों को गर्मी व लू से बचाने के लिए कार्यावधि में कमी करने का आदेश पुन: जारी करना चाहिए।