नई दिल्ली। हाल ही में काले धन को सफेद करने के कई मामले उजागर होने के बाद एक्सिस बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी शिखा शर्मा ने डैमेज कंट्रोल की पहल की है।
उन्होंने कहा है कि कुछ कर्मचारियों ने संगठन की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है जिसकी वजह से हमें शर्मिंदगी और परेशानी उठानी पड़ी है। एक्सिस बैंक के ग्राहकों को रविवार को लिखे पत्र में उन्होंने जानकारी दी है कि बैंक ने अधिक सेफगार्ड्स सुनिश्चित करने और जांच पड़ताल को बढ़ाने के लिए केपीएमजी को फॉरेंसिंक ऑडिट नियुक्त किया है।
उन्होंने कहा कि बैंक की बुनियाद मजबूत है। खातों की गतिविधियों में अचानक आई तेजी के मद्देनजर बैंक ने खुद ही आगे बढ़कर संदिग्ध खातों की पहचान की है। उन्होंने कहा कि हमारे कुछ कर्मचारियों की गतिविधियों पर हाल ही में मीडिया में आई रिपोर्टों से मुझे शर्मिंदगी और निराशा हुई है।
कुछ लोगों की गतिविधियों की वजह से हम अपनी उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए इसलिए ऐसे कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। बैंक की आचार संहिता से अलग हटकर काम करने वालों के खिलाफ आगे भी ऐसे ही कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की गड़बड़ियों ने हमारे 55 हजार से अधिक कर्मचारियों की मेहनत पर पानी फेर दिया, जो खेदजनक है। उल्लेखनीय है कि आयकर विभाग ने पिछले सप्ताह एक्सिस बैंक की नोएडा शाखा पर छापेमारी कर 20 फर्जी कंपनियों के खातों से करीब 60 करोड़ रुपये की राशि पकड़ी थी।
शिखा शर्मा ने कहा कि बैंक ने खुद पहल करते हुए संदिग्ध खातों की पहचान कर इसके बारे में नियामकीय प्राधिकरणों को आगे की जांच के लिए सूचना दी थी।
गौरतलब है कि दिल्ली में पिछले महीने एक्सिस बैंक के दो मैनेजरों को हेराफेरी के मामले में गिरफ्तार किया गया था जो जेल में हैं। एक सीए को भी बाद में गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद ही चांदनी चौक, नोएडा और कनाट प्लेस की ब्रांचों में भी छापेमारी कर छानबीन की गई।