पेरिस। फ्रांस में मध्यमार्गी उदारवादी और पूर्व निवेश बैंकर इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को देश के 25वें व सबसे युवा राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
संवैधानिक परिषद के अध्यक्ष लॉरें फेबियस ने पेरिस में एलिसी पैलेस में शपथ ग्रहण समारोह की अध्यक्षता की।
फेबियस ने मैक्रों को राष्ट्रपति घोषित करते हुए कहा कि जनता के आदेश के अनुसार आप देश के राष्ट्रपति नियुक्त किए जाते हैं।
पूर्व अर्थव्यवस्था मंत्री मैक्रों ने राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद अपने पहले वक्तव्य में नवचेतना की बात की। उन्होंने कहा कि आज दुनिया को और यूरोप को फ्रांस की पहले से कहीं अधिक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि मेरे पक्ष में मिले जनादेश से फ्रांसीसियों का खोया आत्मविश्वास लौट आएगा।उन्होंने कहा कि वह फ्रांस के लोगों को इस बात का यकीन दिलाएंगे कि फ्रांस की ताकत समाप्त नहीं हो रही है, बल्कि हम एक बड़ी नवचेतना की कगार पर हैं।
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार मैक्रों ने अपने भाषण में पूर्व राष्ट्रपति चार्ल्स डी गौले से लेकर निकोलस सरकोजी और फ्रांस्वा ओलांद तक के प्रति सम्मान प्रकट किया। उन्होंने कहा कि उन्हें देश में व्यापक बदलाव लाने के लिए जनता पर भरोसा है।
उन्होंने कहा कि आज की शाम से ही मैं काम में जुट जाऊंगा। गणतंत्र अमर रहे, फ्रांस अमर रहे।
मैक्रों ने सात मई को हुए दूसरे व अंतिम दौर के चुनाव में नेशनल फ्रंट की धुर दक्षिणपंथी उम्मीदवार मेरी ले पेन को हराया था। मैक्रों बुधवार को देश के प्रधानमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे।