नई दिल्ली। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 10 वर्ष पुराने डीजल वाहनों पर रोक संबंधी पहले के फैसले में संशोधन की मांग वाली सरकार की याचिका खारिज कर दी। राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने कहा कि एक डीजल वाहन 24 पेट्रोल वाहनों और 40 सीएनजी वाहनों जितना प्रदूषण फैलाता है।
एनजीटी ने भारी उद्योग मंत्रालय के नवंबर 2014 में विरोध के बावजूद दस वर्ष पुराने सभी डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
मंत्रालय ने इस वर्ष जनवरी में इस मुद्दे पर उच्चतम न्यायालय का रुख किया था जहां उच्चतम न्यायालय ने इस मामले को दोबारा एनजीटी भेज दिया था।
मंत्रालय ने अदालत को सूचना देते हुए कहा था कि डीजल वाहनों में उच्च ईंधन क्षमता होती है जिससे पेट्रोल वाहनों के मुकाबले इसमें 10-15 प्रतिशत तक कम कार्बन डाईआक्साईड का उत्सर्जन होता है।
एनजीटी ने गुरुवार को कहा कि केंद्र आदेश को संशोधित कराने के लिए उच्चतम न्यायालय गई थी जहां उसे कोई मदद नहीं मिली। हरित न्यायालय ने अपने ताजा आदेश में कहा कि हम अपने आदेश को नहीं बदलने जा रहे हैं।