मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने भारत को गरीब मुक्त देश बनाने के लिए नया फॉर्मूला दिया है।
राजन ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि यदि देश से गरीबी हटानी है तो प्रतिव्यक्ति आय को कम से कम 6 हजार डॉलर (करीब 4 लाख रु.) तक करना होगा।
इसके लिए हमें 4 गुनी ज्यादा मेहनत और कोशिश करनी होगी। उन्होंने कहा कि हम अभी भी 1500 डॉलर (एक लाख रुपए) प्रतिव्यक्ति आय वाली इकोनॉमी हैं। जबकि हमारे पड़ोस की कई इकोनॉमी हमसे बहुत आगे हैं।
पत्रकारों के साथ बातचीत में राजन ने कहा कि सिंगापुर या चीन जैसी इकोनॉमी से तुलना करें तो हमारी प्रति व्यक्ति आय अभी भी काफी कम हैं।
हम अभी भी 1500 डॉलर के आसपास सीमित हैं वहीं सिंगापुर जैसे छोटे देश की प्रति व्यक्ति आय 50 हजार डॉलर से भी अधिक है। ऐसे में अगड़े देशों की कतार में खड़ा होने के लिए हमें अभी बहुत कुछ करना होगा।
यदि हम 6 से 7 हजार डॉलर के स्तर को भी पा लेते हैं तब भी हम मिडल इनकम वाले देशों की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन इसके लिए लगातार 2 दशक तक बेहतर प्रयास करने होंगे। अमीर देशों की कतार में आने में अभी बहुत समय लगेगा।
उन्होंने कहा कि देश मे अभी महंगाई बड़ी समस्या है, फिलहाल वे भी सिर्फ इसी पर ध्यान दे रहे हैं। इसके अलावा देश के गरीब तबके को फाइनेंशियल सिस्टम से जोडऩा, हर कोने तक बैंक की पहुंच, पेमेन्ट्स बैंक की स्थापना, यूनीफाइड पेमेन्ट्स इंटरफेस और भारत पेमेन्ट बिल जैसे मुद्दे भी काफी अहम हैं।
उन्होंने 2016-17 में जीडीपी ग्रोथ रेट के 7.6 फीसदी रहने के अनुमान पर कहा कि कई लोगों को लगता है कि हमने अपनी इकोनॉमी की रफ्तार को कम आंका है। ये बातें भी हो रही है कि हमने आंकड़े बढ़ा-चढ़ाकर पेश किए हैं। मैं यही कहना चाहूंगा कि इन मुद्दों पर हम अभी भी काम कर रहे हैं।