कोलकाता। दलालों के चंगुल में फंस कर नौकरी के लिए सऊदी अरब गए एक आटोमाबाइल इंजीनियर को वहां दास के तौर पर बेचने की कोशिश की गई।
काफी जद्दोजहद के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय व एक स्वयंसेवी संस्थान की मदद से उसकी वापसी हो सकी है।
मंगलवार को सउदी अरब के रियाध से मुंबई पहुंचा उत्तर 24 परगना जिले के नैहाटी निवासी इंजीनियर जयंत विश्वास बुधवार सुबह अपने घर पहुंचने में कामयाब रहा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरबंगाल के एक प्राइवेट कॉलेज से इंजीनियरिंग पास करके जयन्त विश्वास (23 वर्ष) नौकरी की तलाश कर रहा था। इसी बीच दलालों के एक समूह से उसका परिचय हुआ।
जयन्त का आरोप है कि दलालों ने विदेश में अच्छी नौकरी का झांसा देकर उसे सऊदी अरब भेज दिया। विगत 15 मई को वह सुनहरे भविष्य का सपना लेकर रियाध पहुंचा। वहां उसे एक फर्म में नौकरी भी मिल गई।
जल्द ही उसे इस बात का अहसास हो गया कि उसके धोखाधडी हुई है। उसकी स्थिति वहां गुलामों जैसी हो गई। उसने कई बार वहां से भागने की कोशिश की लेकिन हर बार पकड़ा गया और उसके साथ मारपीट की गई।
उसके साथ कथित तौर पर यौन दुराचार भी किया गया। बाद में चोरी का झूठा इल्जाम लगा कर उसे जेल भेज दिया गया। जेल से ही जयंत ने अपने परिजनों के साथ सम्पर्क किया।
उसके परिजनों ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिख कर मदद की गुहार लगाई। इस काम में एक स्वयंसेवी संस्थान ने उसकी काफी मदद की।
बाद में विदेश मंत्रालय की कोशिशों से जयंत की घर वापसी का रास्ता साफ हो गया और मंगलवार को उसे रियाध से मुंबई लाया गया। मुंबई से बुधवार सुबह वह कोलकाता पहुंचा और फिर नैहाटी स्थित अपने घर गया।
जयन्त के घर लौटने से उसके परिजन बेहद खुश हैं और उन्होंने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को धन्यवाद दिया।