नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार को भविष्य निधि यानी पीएफ की निकासी पर एक अप्रेल से लागू होने वाले नए नियमों को 3 माह के लिए टाल दिया है।
अब कोई भी अंशधारक यदि 2 माह से अधिक समय तक बेरोजगार रहता है तो वह 31 जुलाई तक पीएफ से पूरा पैसा निकाल सकता है। मालूूम हो कि पीएफ निकासी के बदले नियमों को श्रमिक संगठनों ने खासा विरोध किया था तथा सरकार के विरोध में प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया था।
मालूम हो कि सरकार ने नियोक्ता के योगदान की निकासी पर कर्मचारी के 58 साल पूरे होने तक पीएफ की निकासी पर रोक लगा दी थी। इससे भविष्य निधि धारक करीब 5 करोड अंशधारक प्रभावित हो रहे थे।
केन्द्रीय मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि पीएफ निकासी नियमों को सख्त बनाने से जुडी अधिसूचना को लागू किए जाने पर 31 जुलाई 2016 तक के लिए रोक लगाई जा रही है। इसे 10 फरवरी से लागू किया जाना था लेकिन श्रमिक संगठनों के विरोध को देखते हुए 30 अप्रेल तक टाल दिया गया था। अब दोबारा इसकी तिथि तीन माह और आगे खिसका दी गई है।
क्या है नया नियम, विरोध क्यो
सरकार ने पीएफ में जमा राशि की निकासी के प्रावधानों को सख्त करते हुए एक मई से नए नियम लागू करने की घोषणा की थी। नए नियमों के अनुसार पीएफ के अंशधारक असाधारण हालात में ही पीएफ की पूरी राशि निकाल सकते थे। अर्थात 58 साल आयू पूरी हो जाए। विदेश में बस जाने, छंटनी के कारण रोजगार चले जाने, काम करने में स्थाई रूप से अक्षम होने औश्र आपसी सहमति के आधार पर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के तहत सेवा समाप्त होने पर ही भविष्य निधि निकासी की सुविधा तय की गई थी।
मौजूदा नियमों और इसमें सुविधा
वर्तमान में अंशधारक सेवाकाल के दौरान अपनी जमा राशि का 90 प्रतिशत का हिस्सा कभी भी निकाल सकता है। इसके लिए अभी करीब 15 प्रावधान हैं, जिनमें शादी-विवाह, घर-मकान बनाने, मकान की मरम्मत कराने, बीमारी का इलाज कराने, लगातार तीन महीने तक वेतन नहीं मिलने और नौकरी खत्म होना आदि शामिल है।