एटा। जिले के पिलुआ थानाक्षेत्र के गांव धनिगा से बीते 13 मार्च को बुलाकर ले जाए युवक का शव एक सप्ताह बाद गांव के बाहर खेत में सड़ी-गली अवस्था में मिला है।
मृतक के पिता ने चार नामजदों के खिलाफ अवैध संबन्धों के संदेह में अपने पुत्र की हत्या का आरोप लगाया है।
पिलुआ थानाक्षेत्र के धनिगा निवासी निरोत्तम पुत्र गंगासिंह का कहना है कि उसके 22 वर्षीय पुत्र मुकेश को समीप के कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव छीतली निवासी कैलाश व पवन पुत्रगण महावीर शाम करीब 4 बजे घर से बुलाकर ले गए।
मुकेश जब वापस नहीं लौटा तो निरोत्तम ने मामले की सूचना पिलुआ पुलिस को दी। किन्तु पिलुआ पुलिस ने जब वार्डर विवाद के चलते उसकी तहरीर दर्ज न की तो उसने 16 मार्च को एसएसपी को प्रार्थनापत्र दे दोनों आरोपियों पर हत्या के उद्देश्य से अपने पुत्र का अपहरण करके ले जाने के आरोप लगाए।
एसएसपी के आदेश के बाद पिलुआ पुलिस ने मामले की प्राथमिकी दर्ज तो कर ली किन्तु मुकेश की तलाश के कोई खास प्रयास न किए। इस बीच सोमवार को गांव के लोगों को सत्यप्रकाश पुत्र बाबूसिंह के खेत में मुकेश का क्षतविक्षत व जानवरों का खाया हुआ शव मिला तो कोहराम मच गया।
अन्त्यपरीक्षण गृह पर उपस्थित मुकेश के पिता निरोत्तम व भाई राजपाल का कहना है कि मुकेश की हत्या कैलाश व पवन पुत्रगण महावीर ने अपने साथी उदयवीर पुत्र बनवारी व पंचामसिंह पुत्र राधेश्याम के साथ मिलकर की है।
घटना का कारण बताते हुए निरोत्तम का कहना है कि उसने आरोपियों के गांव छीतरी में जावड़ा निवासी एक किसान की जमीन पट्टे पर लेकर वहां मटर की खेती की है। इस खेत के पास ही आरोपी पवन व कैलाश के मकान हैं तथा वहां मुकेश का भी आना जाना था।
निरोत्तम के अनुसार इस दौरान पवन की पत्नी से मुकेश की हंसी-मजाक के चलते पवन को उसके मुकेश से अवैध सम्बन्धों का संदेह था। इसी संदेह के चलते उसने उनके पुत्र की हत्या कर दी।
निरोत्तम के विपरीत पिलुआ पुलिस का कहना है कि किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी न होने के कारण मामले में अभी कुछ कहना संभव नहीं कि घटना का कारण क्या था। फिर भी पुलिस मामले के सभी पहलुओं को दृष्टि में रख विवेचना कर रही है।