बर्लिन। चीन में कई तरह की आपत्तियां झेलने के बाद अब गूगल पर यूरोप में भी ऊंगलियां उठने लगीं हैं। यूरोपीय कमीशन ने गूगल को साफ़ शब्दों में कह दिया है कि वो ऑनलाइन शॉपिंग में अपने गैरजरूरी प्रभाव को ख़त्म करे।
कमीशन का कहना है कि गूगल का सर्च रिजल्ट कुछ खास कंपनियों को बढ़ावा दे रहा है जिससे बाज़ार पर गलत असर पड़ रहा है। यूरोपीय कमीशन ने अपनी जांच में पाया है कि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान गूगल के सर्च रिजल्ट में कुछ खास कंपनियों की उपस्थिति अन्य कंपनियों से ज्यादा दिखाई देती है जो कि ठीक नहीं है।
गूगल पर ये आरोप भी है कि उसने प्रतिद्वंदी सर्च इंजन के लिए भी जानबूझकर तकनीकी दिक्कतें खड़ी की हैं। यूरोपीय यूनियन के प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्ग्रेट वेस्टेयर ने कहा है कि गूगल को अपने प्रतीस्पर्धियों को रोकने का कोई अधिकार नहीं है।
यूरोपियन कमीशन का कहना है कि गूगल कई नए प्रोडक्ट्स लेकर आया है, जिनसे हमारे जीवन में बड़ा बदलाव आया है। लेकिन यह गूगल को दूसरी कंपनियों को आगे बढ़ने से रोकने का कोई अधिकार नहीं देता है।
गूगल पर पहले से ही एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम के जरिये अपने प्रभाव के ग़लत इस्तेमाल करने के चलते अदालत में केस चल रहा है।
इस मामले में गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ने ऑनलाइन शॉपिंग की पूरी परिभाषा को ही बदल दिया है, जिससे यूरोपीय लोगों के जीवन में ख़ासा बदलाव आया है। कंपनी मानती है कि इससे प्रतीस्पर्धा बढ़ी है और हम एक जांच के बाद यूरोपियन कमीशन को विस्तार से जवाब देंगे।