केप केनवरल। सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति के चंद्रमा (यूरोपा) पर पृथ्वी जैसे जीवन के लक्षण मौजूद होने की संभावना है…
खगोल वैज्ञानिकों कैटनबोर्न और पोकेटर ने यूरोपा के अध्ययन पर तैयार अपनी ताजा रिपोर्ट में यूरोपा की बर्फ आच्छादित सतह का गहन अध्ययन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि पृथ्वी की परत दर परत बनने और महाद्वीपों की संरचना जिन भूभौतिक बलों के दबाव और खिचंाव से हुई है वैसी ही कुछ प्रक्रिया के जरिए यूरोपा की बर्फीली सतह का निर्माण हुआ है। यह अध्ययन रिपोर्ट नेचर जियोसाइंस में प्रकाशित है।
यूरोपा के बारे में यह अहम जानकारियांं गैलीलियों आर्बिटन ने जुटाई थी। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के बृहस्पति के अभियान पर गए इस यान ने 1995 से 2003 के दौरान अपनी अंतरिक्ष यात्रा के समय यूरोपा की पहली तस्वीरें भेजी थीं। इन तस्वीरों में यूरोपा की सतह के 52 हजार वर्ग किलोमीटर के उस हिस्से की तस्वीर भी शामिल थी जिसे हाईरेस्यूलेशन कैमरों की मदद से खींचा गया था।
वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि सौरमंडल में मौजूद ग्रहों और उनके चंद्रमाओं में से यूरोपा सबसे युवा है। इसकी उत्पत्ति कोई 9 करोड़ वर्ष पूर्व हुई है। तब से लेकर अब तक आरोप की 40 प्रतिशत बर्फ आच्छादित सतह लगातार बदल रही है लेकिन बदलाव की इस प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है। वैज्ञानिक इस रहस्य का पता लगाने में जुटे हैं।