नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ की निर्वाचन आयोग की चुनौती को स्वीकार करने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को आयोग की ईवीएम हैक की चुनौती में हिस्सा नहीं नहीं लिया।
माकपा ने कहा कि आयोग के डेमो के बाद उसकी शंकाएं दूर हो गई हैं, जबकि राकांपा ने कहा कि वह बस मशीन की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी चाहती थी।
ईवीएम चुनौती के बाद प्रेस वार्ता में मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि चुनौती के खत्म होने के साथ ही ‘ईवीएम से छेड़छाड़’ के मुद्दे को विराम देना चाहिए।
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जैदी ने कहा कि मशीनों से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। इसी के साथ मशीनों के साथ छेड़छाड़ का मुद्दा खत्म करना चाहिए।
निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनौती को जीत या हार के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह परस्पर सीखने को लेकर एक कार्यक्रम था।
जैदी ने कहा कि माकपा के सदस्यों को आयोग ने मशीन की कार्य विधि से अच्छी तरह से अवगत कराया, जिसके बाद उन्होंने संतुष्टि जताई।
उन्होंने कहा, “माकपा ने कहा कि वे चुनौती में हिस्सा नहीं लेना चाहती, बल्कि ईवीएम की प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझना चाहती है। उन्हें इसके बारे में अच्छी तरह से बताया गया। उनका तकनीकी संदेह दूर हो गया।”
जैदी ने कहा कि राकांपा के सदस्यों ने कहा कि वह चुनौती को ईवीएम की कार्यप्रणाली के रूप में देखने को इच्छुक हैं।
उन्होंने कहा कि राकांपा सदस्यों की शंका का मूल कारण महाराष्ट्र में हुए निकाय चुनाव में वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल को लेकर था।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राकांपा सदस्यों को बताया गया कि निकाय चुनाव में जिन ईवीएम का इस्तेमाल किया गया, वे निर्वाचन आयोग के नहीं थे।
उल्लेखनीय है कि पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनावों के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने ईवीएम के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। राजनीतिक दलों की इन शंकाओं को दूर करने के लिए निर्वाचन आयोग ने बीते 20 मई को ईवीएम हैक चुनौती की घोषणा की थी।
उधर, आम आदमी पार्टी ने चुनौती को लेकर निर्वाचन आयोग के शर्तो से इत्तेफाक न जताते हुए समानांतर ईवीएम हैक चुनौती की घोषणा की है।