मुंबई। पूर्व राजस्वमंत्री एकनाथ खडसे पर लगाए गए सभी आरोपों की जांच उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश से कराई जाएगी। इस तरह की जानकारी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्विटर के मार्फत दी है।
मुख्यमंत्री ने अपने ट्विटर एकाउंट पर कहा कि एकनाथ खडसे ने ही इस तरह की जांच करवाए जाने की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि उन्होंने खडसे का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और उसे अंतिम मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया है।
इस बीच एकनाथ खडसे के इस्तीफा दिए जाने से राज्य का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। खडसे के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता नारायण राणे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने बहुजन समाज के नेता की जानबूझकर बलि ली है।
राणे ने कहा कि एकतरफ मुख्यमंत्री खडसे का बचाव करते हुए उन्हें क्लीन चिट दे रहे थे और दूसरी तरफ व पार्टी हाईकमान से खडसे को मंत्रिमंडल से हटाए जाने की मांग कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि खडसे पर लगाए गए सभी आरोप गंभीर स्वरुप के हैं, इसलिए महज इस्तीफा देने से काम नहीं चलेगा, इन आरोपों को न्यायालयीन जांच की जानी चाहिए।
इसी तरह विधानपरिषद के विपक्षी नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि खडसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिए जाने की बात कर रहे हैं, लेकिन अगर खडसे ने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है तो इतनी देरी क्यों हुई? मुंडे ने कहा कि मुख्यमंत्री को अन्य आरोपित मंत्रियों का इस्तीफा भी तत्काल लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इससे पहले शिक्षा मंत्री, महिला व बाल कल्याण मंत्री पर भी भ्रष्ट्राचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं। आप पार्टी की नेता प्रीती शर्मा मेनन ने मुंबई में पत्रकार परिषद आयोजित कर कहा कि खडसे पर लगे आरोपों की सही तरीके से जांच न किए जाने पर वह कोर्ट में जाएगी।