इस्लामाबाद/नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान सरकार के उस दावे का खंडन किया है जिसमें पाक सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय बाह्य सुरक्षा सूचना एजेंसी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के एक अधिकारी को बलूचिस्तान से गिरफ्तार करने का दावा किया था।
भारत सरकार ने कहा है कि उस गिरफ्तार व्यक्ति का सरकार से कोई संबंध नहीं है। पाकिस्तान उस सेवानिवृत्त नौसेना अधिकारी को रॉ अधिकारी बता रहा है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद उस अधिकारी से सरकार का कोई आधिकारिक संबंध नहीं रहा है।
दरअसल पाकिस्तान के विदेश सचिव ने यह मामला भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले के सामने उठाया था, जिस पर भारत सरकार ने कहा कि वो किसी भी देश के आतंरिक मामलों में दखल नहीं देना चाहता और इस क्षेत्र में सभी देशों की भलाई के लिए भारत एक स्थिर और शांतिपूर्ण पाकिस्तान चाहता है।
इससे पहले पाकिस्तान सरकार के विदेश सचिव ने इस मामले पर अधिकारी की गतिविधियों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले को शुक्रवार को तलब किया था। जानकारी हो कि एक दिन पहले पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने कथित रूप से रॉ अधिकारी को गिरफ्तार करने का दावा किया था।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि विदेश सचिव ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया और रॉ के एक अधिकारी द्वारा पाकिस्तान में अवैध तरीके से प्रवेश करने तथा बलूचिस्तान तथा कराची में विध्वंसक गतिविधियों में अधिकारी की संलिप्तता के मामले में डिमार्श के माध्यम से अपना विरोध और गहन चिंता व्यक्त की।
वहीं बलूचिस्तान के गृहमंत्री मीर सरफराज बुगती ने गुरूवार गिरफ्तार हुए अधिकारी की पहचान कुल यादव भूषण के तौर पर करते हुए कहा है कि वह भारतीय नौसेना में कमांडर स्तर के अधिकारी थे और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में काम कर रहे थे। बुगती ने दावा किया कि भूषण बलूचिस्तान में जातीय हिंसा फैला रहे आतंकवादियों और अलगाववादियों के साथ संपर्क में थे।