रांची। झारखंड में हजारीबाग की एक अदालत ने 22 साल पुराने विधायक हत्या मामले में राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद और बिहार के बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह को मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा ने प्रभुनाथ सिंह को सजा सुनाई। प्रभुनाथ सिंह, उनके भाई दीनानाथ सिंह और दूसरे आरोपी रीतेश सिंह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जेल से अदालत के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।
अदालत ने तीनों को विस्फोटकों का इस्तेमाल करने व इसे पास रखने को लेकर 10 साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई। साथ ही उन पर 40,000 रुपए का जुर्माना भी किया।
हजारीबाग की अदालत ने 18 मई को प्रभुनाथ सिह, उनके भाई दीनानाथ सिंह व रीतेश सिंह को तत्कालीन विधायक अशोक सिंह की हत्या के मामले में दोषी ठहराया था। अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को 1995 के विधानसभा चुनावों में हराया था।
प्रभुनाथ सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि अशोक सिंह का चुनाव के बाद 90 दिनों के भीतर सफाया हो जाएगा। अशोक सिंह की पटना में 1995 में उनके आधिकारिक निवास में बम विस्फोट में हत्या कर दी गई थी।
अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी ने इस मामले में पटना में मामला दर्ज कराया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला पटना से 1997 में हजारीबाग स्थानांतरित कर दिया गया। आरोप 2008 में तय किए गए।
जिन्हें सजा सुनाई गई है, उनके परिवार के सदस्यों ने फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में जाने की बात कही है।
प्रभुनाथ सिंह 1995 में जनता दल में थे। बाद में वह जनता दल (युनाइटेड) में शामिल हो गए। वर्तमान में वह राजद में हैं। वह बिहार में महाराजगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के बाहुबली नेता है।