नई दिल्ली। आम बजट पेश करने से पहले सरकार कई अहम फैसले ले रही है। बजट से पहले तंबाकू उत्पादक किसानों के संगठन ‘फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया फार्मर एसोसियेसन’ (FAIFA)ने सरकार से कहा है कि इस कृषि उपज के दाम में स्थिरता बनाये रखने के लिहाज से बजट में तंबाकू पर उत्पाद शुल्क नहीं बढ़ाया जाना चाहिये।
एसोसियेसन के महासचिव मुरली बाबू ने आज कहा, ‘घरेलू तंबाकू विनिर्माता खरीदारों से उठाव में लगातार आ रही कमी से हम काफी चिंतित हैं … नियामकीय निगरानी का दायरा काफी बढऩे से तंबाकू उत्पादक किसानों में काफी घबराहट और बेचैनी है।’
इस गैर-सरकारी संगठन में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक और गुजरात के किसान जुड़े हैं। उन्होंने वित्त मंत्री अरण जेटली से अपील की है कि वैद्य कारोबार कर रहे सिगरेट उद्योग पर करों का अधिक बोझ नहीं लादा जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि भारतीय तंबाकू निर्यात भी कमजोर पड़ा है और इससे किसानों की आय में 22 प्रतिशत गिरावट आई है।
एसोसियेसन ने कहा है, ‘तंबाकू उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में अत्यधिक वृद्धि की वजह से किसानों की आय में गिरावट आई है। वर्ष 2012-13 से इन उत्पादों पर कुल मिलाकर 118 प्रतिशत तक शुल्क वृद्धि की जा चुकी है। इसके परिणामस्वरूप सिगरेट का वैद्य कारोबार घटा है।’
एसोसियेसन के मुताङ्क्षबक सिगरेट पर उत्पाद शुल्क में भारी वृद्धि से देश में इसकी तस्करी बढ़ी है। आगामी बजट में यदि इसमें और वृद्धि की जाती है तो पहले से ही करों के भारी बोझ तले दबे तंबाकू उद्योग के लिये काफी परेशानी होगी और तंबाकू कारोबार संगठित क्षेत्र से हटकर असंगठित क्षेत्र की तरफ जाने लगेगा। इसका सरकार की राजस्व वसूली पर भी बुरा असर पड़ेगा और किसानों की जीविका भी इससे प्रभावित होगी।