चंडीगढ़। पंजाब में आम आदमी पार्टी ने विवादित नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर को भले ही प्रदेश संयोजक पद से हटा दिया है। लेकिन पंजाब की राजनीति में पिछले चार दशकों से खासा दखल रखने वाले सुच्चा सिंह की अनदेखी आम आदमी पार्टी की चुनावी तैयारियों पर भारी पड़ सकती है।
सुच्चा सिंह ने इस पूरे विवाद को पंजाबी नेता बनाम बाहरी नेता के रूप में खड़ा करने का प्रयास किया है। इसी रणनीति के तहत अपरोक्ष रूप से पार्टी सुप्रीमो अरविन्द केजरिवाल पर निशाना है।
दिल्ली में आयोजित आप के राजनीतिक मामलों के कमेटी की बैठक के ठीक पहले चण्डीगढ़ में सुच्चा सिंह ने पत्रकारवार्ता करके पार्टी से न केवल इस्तीफा देने के इंकार किया बल्कि पत्रकारवार्ता में खुले तौर पर अरविन्द केजरिवाल को ही निशाने पर लेते हुए पूरे विवाद को स्थानीय नेतृत्व बनाम बाहरी नेतृत्व की तरफ मोड़ दिया।
इतना ही नहीं प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ दिखाने के लिए अपने साथ 13 जोन प्रभारियों में से 7 को अपने साथ खड़ा कर दिया, जिसमें आनंदपुर साहिब जोन के जसबीर धालीवालए जालंधर के एचएस चीमाए बठिंडा के नरिंदरपाल शर्मा भगता भाईकाए अमृतसर के गुरिंदर बाजवाए गुरदासपुर के अमरदीप गिलए खडूर साहिब के इकबाल सिंह और पटियाला के करनैल सिंह शामिल हैं।
प्रदेश में अपनी राजनीतिक पकड़ दिखाने के लिए सुच्चा सिंह ने शुक्रवार को आयोजित पत्रकारवार्ता में सुच्चा सिंह ने अपने साथ पंजाब में आप की आधी टीम को अपने साथ खड़ा करके दिखा भी दिया है। सुच्चा सिंह की रणनीति से आप नेताओं को बैकफुट पर आना पड़ा।
देश की राजनीति में पहली बार आम आदमी पार्टी के चार सांसदों को लोक सभा में भेजने वाले पंजाब को लेकर केजरिवाल खासे उत्साहित हैं। लेकिन पंजाब में एक नए शक्ति के केन्द्र के रूप में उभरे आम आदमी पार्टी में चल रही खिंचतान कोे लेकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी अपनी रणनीतियों को बदलने पर मजबूर हो रहा है।
पंजाब के प्रदेश संयोजक व सांसद सुच्चा सिंह छोटेपुर के कथित विवादित वीडियो सामने आने के बाद जिस तरह से सुच्चा सिंह आम आदमी पार्टी के पर राजनीतिक दबाव बनाने में सफल हो रहे हैं। उसकी काट अभी भी अरविन्द केजरिवाल या उनकी टीम के पास दिखायी नहीं दे रही है।
सुच्चा सिंह द्वारा स्थानीय बनाम बाहरी की लड़ाई की रणनीति से दबाव में आयी आप ने सुच्चा सिंह के निष्कासन को भले ही टाल दिया है। लेकिन सुच्चा सिंह द्वारा प्रदेश में आर-पार की लड़ाई लड़ने की मंशा को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि आगामी दिनों में पंजाब में आम आदमी पार्टी की राह काफी कठिन है।
अब देखना यह है कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरिवाल, जिनके पास पंजाब के प्रभारी का भी दायित्व है किस प्रकार पंजाब में पार्टी को संकट से निकालते हैं।
आप ने सुच्चा सिंह छोटेपुर को पंजाब संयोजक पद से हटाया