नई दिल्ली। रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को भारतीय नौसेना के शीर्ष कमांडरों को हर समय तैयार रहने के लिए कहा और देश की पश्चिमी सीमा के हालात एवं उससे जुड़ी आंतरिक सुरक्षा के मुद्दों पर बात की। जेटली ने कहा कि सजग रहना सबसे अच्छा बचाव है।
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया है कि जेटली ने भारतीय उप-महाद्वीप में उभर रही सुरक्षा स्थितियों और हिंद महासागर इलाके में अतिरिक्त क्षेत्रीय शक्तियों पर बातचीत की।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित नौसेना कमांडरों के सम्मेलन में जेटली ने कमांडरों से हर समय सजग रहने की अपील की।
भारतीय नौसेना की विभिन्न अहम जरूरतों के मद्देनजर रक्षा मंत्री ने कमांडरों को आश्वासन दिया कि सरकार सभी मुद्दों पर बेहद सकारात्मकता के साथ काम कर रही है और खामियों को जल्द से जल्द दूर करने के लिए संसाधनों में इजाफा करने वाली है।
जेटली ने रक्षा के क्षेत्र में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की और कमांडरों से रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में घरेलू विशेषज्ञता को और बढ़ाने की अपील की।
युद्धपोत उत्पादन एवं अधिग्रहण नियामक के वाइस एडमिरल डी. एम. देशपांडे ने हाल ही में कहा था कि सुरक्षा के स्तर को बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना को पनडुब्बियों की जरूरत है और यदि रणनीतिक साझेदारी कार्यक्रम लागू नहीं हो पाता है तो नौसेना पनडुब्बियां हासिल करने के अन्य उपायों पर विचार कर सकती है।
मंगलवार को शुरू हुए इस चार दिवसीय सम्मेलन में नौसेना प्रमुख चीफ एडमिरल सुनील लांबा और नौसेना के शीर्ष कमांडर संबोधित करेंगे।
मंगलवार को सम्मेलन में रक्षा राज्यमंत्री सुभाष भामरे, रक्षा सचिव ए. जी. मोहन कुमार और रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।