आजकल की रोजमर्रा वाली जिंदगी में लोगों को बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं। ऐसे में जैसे उम्र बढ़ती जाती हैं वैसे वैसे बीमारी बढ़ती जाती है। नई नई बीमारियां इतनी तेजी से पनप रही है जिसका अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता । कुछ बीमारियां तो दुनिया की आधी आबादी को निगलने को तैयार है। साल 2050 तक दुनिया के आधे से ज्यादा लोग कमजोर आंखों की बीमारी की चपेट में आ जाएंगे।
आंखों की कमजोरी
दूर की नजर हो रही कमजोर आंखों की सेहत से जुड़ी मैगजीन ‘ऑप्थैल्मोलॉजी’ में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक लोगों की दूर की नजर तेजी से कम हो रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इसका मुख्य कारण कम्प्यूटर, स्मार्टफोन या टीवी देखते हुए ज्यादा समय बिताना है।
रिपोर्ट में चौंका देने वाले खुलासे
रिपोर्ट में दावा किया गया कि ऐसा रहा तो 2050 तक दुनिया के आधे लोग इस रोग के शिकार हो जाएंगे। दवाओं का गलत मिश्रण खतरनाक शिकागो स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉयस के शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया है कि हाल के 5 वर्षों में बुजुर्गों में खतरनाक कॉम्बिनेशन की दवा लेने की प्रवृत्ति बढ़ी है। जैसे क्लोपिडोग्रेल, ओमेप्रेजोल और एस्प्रिन का कॉम्बिनेशन उनकी सेहत के लिए काफी खतरनाक साबित हो सकता है। ये हार्ट अटैक और अंदरूनी रक्तस्त्राव का खतरा पैदा कर सकते हैं।
कारण
छोटी उम्र में मोबाइल फोन, टेबलेट, कंप्यूटर, वीडियो गेम का ज्यादा इस्तेमाल आंखों को कमजोर बना देता है। बच्चे फिर इन सब चीजों के आदी हो जाते है। सबसे ज्यादा असर अच्छा खान पान न करना है।