सैन फ्रांसिसको। फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने उस गुमनाम चैट प्लेटफार्म को 2016 के अंत में बंद कर दिया था, जिसका प्रयोग अमरीकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के बारे में चर्चा करने तथा कंपनी के कर्मचारियों का ‘उत्पीड़न’ करने में किया जाता था। मीडिया रिपोर्टों से यह जानकारी गुरुवार को मिली।
शुरुआत में जब इसे 2015 में शुरू किया गया, तो इसका लक्ष्य कर्मचारियों द्वारा गुमनाम तरीके से कंपनी को अपनी चिंताओं से अवगत कराना था। इस प्लेटफार्म को ‘फेसबुक एनोन’ नाम दिया गया, लेकिन पिछले साल अमरीकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान इस प्लेटफार्म का पूरी तरह से राजनीतिकरण हो गया।
बिजनेस इनसाइडर ने फेसबुक के मानव संसाधन प्रमुख लोरी गोलर के हवाले से बताया कि फेसबुक के आंतरिक समूह ‘एफबी एनोन’ ने हमारी सेवा शर्तो का उल्लंघन किया, जिसके तहत फेसबुक का प्रयोग करने वाले लोगों (हमारे कर्मचारियों समेत) को हमारे प्लेटफार्म पर अपने प्रमाणिक पहचान के साथ इसका प्रयोग करना होता है।
गोलर ने एक बयान में कहा कि पिछले साल भी हमने कई अनाम समूह और पेजों को निष्क्रिय किया था। इस समूह को साल 2016 के दिसंबर में बिना कोई कारण बताए बंद कर दिया गया था। हालांकि जुकरबर्ग ने बाद में कर्मचारियों से कहा कि इस समूह का प्रयोग दूसरों को प्रताड़ित करने में किया जाता था।
रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के अंदर का यह ऑनलाइन चर्चा समूह कर्मचारियों की पहचान गोपनीय रखते हुए चर्चा करने की सुविधा देने के कारण बदतर होता चला गया और राजनीतिक टिप्पणियों का मंच बनकर रह गया। इस व्यवहार से फेसबुक प्रबंधन चिंतित हो गया और अंतत: इस मंच को बंद कर दिया गया।