भागलपुर। दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की फर्जी लॉ डिग्री मामले में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय ने दो माह पूर्व में विवि थाना में धोखाधड़ी का आरोप लगा कर तोमर पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसी मामले में साकेत कोर्ट दिल्ली में सुनवाई चल रही है।
पुलिस के अनुसार एक ही मामले में एक व्यक्ति पर दो केस नहीं चल सकता है, इसलिए तोमर के खिलाफ विवि का केस रद्द हो सकता है। इस मामले में केस खारिज कराने के लिए जितेंद्र सिंह तोमर हाइकोर्ट की शरण में हैं जिसकी सुनवाई नवम्बर में होनी है।
कोर्ट ने तोमर से जुड़े कागजात की मांग विवि से की है। विवि तोमर से संबंधित कागजात कोर्ट को भेज रहा है। विवि के अनुसार पूर्व कुलपति प्रो. रमा शंकर दुबे के कार्यकाल में ही तोमर पर प्राथमिकी दर्ज कराने पर विचार किया गया था लेकिन पूर्व कुलपति के टालमटोल के कारण प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई जा सकी थी।
कानूनी सलाह लेने के बाद तोमर पर दो माह पूर्व में विवि ने थाने में केस दर्ज कराया था। हालांकि विवि के अधिकारी भी मानते हैं कि तोमर पर किया गया केस रद्द हो सकता है। उधर, विवि थाना में दर्ज प्राथमिकी मामले में जिला व्यवहार न्यायालय से तोमर को जमानत मिल चुकी है।