जैसलमेर। मोबाइल टावर लगवाने का झांसा देकर लाखों रुपए की ठगी करने का बडा मामला उजागर हुआ है। पुलिस ने इस मामले में ठगी करने वाली गैंग के चार सदस्यों को दबोचा है।
जैसलमेर जिले के सोनू गांव के एक ग्रामीण से टावर लगाने के नाम पर ठगी की रिपोर्ट पुलिस को मिली थी। पुलिस ने छानबीन के बाद चार आरोपियों को जैसलमेर पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार कर उनसे 28 मोबाइल, एक लेपटॉप और फर्जी सिम कार्ड बरामद किए।
ठगी के इस मामले के मास्टरमाइंड की तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस के अनुसार रामगढ़ थाना क्षेत्र के सोनू गांव निवासी जेठूसिंह ने गत 25 जनवरी को रिपोर्ट पेश की थी कि 14 जनवरी को राजीव रंजन का फोन आया कि आप आर्मी रिटायरमेन्ट हैं।
हम आपके यहां निजी मोबाइल कम्पनी का टावर लगाना चाहते हैं। इसके लिए आप अपना रजिस्टर्ड भूमि का पट्टा हमें दें। जब प्रार्थी उनकी बातों में नहीं आया तो मार्च माह तक वह फोन पर कंपनी के एमडी, जीएम एवं एरिया मैनेजर आदि को कांफ्रेंस पर लाकर बात करवाता व विश्वास दिलवाता।
इस दौरान प्रार्थी द्वारा आरोपियों के विभिन्न बैंक खातों में करीब पचास लाख रुपए जमा करवाए गए, लेकिन उसकी जमीन पर टावर नहीं लगा। तब प्रार्थी ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस थाना रामगढ में ठगी एवं आईटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली को सुपुर्द किया गया।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी के निर्देशानुसार विशेष टीम उप निरीक्षक अरूण कुमार के नेतृत्व में गठित की गई।
अनुसंधान के दौरान पुलिस टीम ने सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर तथा पुलिस के आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर दिल्ली जाकर विभिन्न स्थानों एवं होटल, मॉल, सर्विस सेन्टर एवं दिल्ली के नजदीक स्थानों नोयडा, गुड़गांव, हरियाणा, मध्यप्रदेश में आरोपियों की तलाश की।
अनुसंधान के दौरान पुलिस टीम को मुखबिर से महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगा कि इन सब का एक साथी जिसका नाम सचिन है, वह दिल्ली के बुद्ध विहार में अपने परिवार के साथ रहता है। जिस पर पुलिस टीम ने सचिन कटियान निवासी बुद्ध विहार पुलिस थाना विजय विहार दिल्ली को दस्तयाब किया।
बाद में सचिन की पहचान के आधार पुलिस टीम ने विभिन्न जगहों पर छापामारी कर शुभम अग्रवाल उर्फ करण चैहान, दीपक शाह उर्फ प्रेम वर्मा, संजीव नागपाल उर्फ सन्नी उर्फ राहुल सक्सेना को अलग-अलग जगह से दस्तयाब कर उनके कब्जे से 28 मोबाइल एवं एक लेपटॉप तीन सिम कार्ड, एटीएम व रजिस्टर बरामद किए गए।
उगले राज, कई राज्यों तक फैला है जाल
आरोपियों से स्पेशल टीम ने गहन पूछताछ की, जिसमें उन्होंने कई राज उगले। आरोपियों ने जैसलमेर के जेठूसिंह से 25 लाख की ठगी करने के अलावा अन्य कई राज्यों महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गुजरात, मुम्बई, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं राजस्थान के कई जिलों के लोगों के साथ टॉवर लगाने की एवज में करोड़ों रुपए ठगने की बात स्वीकार की।
इसके अलावा उन्होंने इस सम्पूर्ण ठगी में अपने अन्य साथियों अभिषेक मल्होत्रा उर्फ निर्मल जैन, तरूण कुमार खटीक, ज्ञानेश्वर कौशिक, राजीव रंजन उर्फ अनिल कुमार पांडे के साथ मिलकर ठगी करना स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि उनके कॉल सेन्टर में लगभग १०० कर्मचारी उनके अधीन कार्य करते थे। साथ ही यह भी बताया कि दिल्ली में ऐसी ओर कई कम्पनियां सक्रिय है।
इस तरह ठगती थी गैंग
पुलिस को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे विभिन्न संगठनों के वेंडर्स से विभिन्न राज्यों के नागरिकों के पते, मोबाइल नम्बर, बैंक खाता संख्या, पेनकार्ड की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर मोबाइल से सम्पर्क करते। बाद में विभिन्न प्रकार के टॉवर लगाने, इंश्योरेंस पॉलिसियां करने व बांड भरवाने के ङाूठे प्रलोभन देकर फंसाते थे। फिर विभिन्न खातों में पैसे जमा करवाते थे।
पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे सबसे बड़ी डेढ़ करोड़ की ठगी कर चुके हैं। पुलिस को पूछताछ में यह भी पता चला कि ऐसे कई संगठन दिल्ली में सक्रिय है, जिनका मासिक टर्न ऑवर 100 करोड़ है तथा 1000 से 1500 कर्मचारी इस कार्य में सक्रिय है। आरोपी हर 15 दिन में नई सिम एवं नया मोबाइल उपयोग करते थे तथा हर दो माह में ऑफिस बदल देते थे।