सूरत। खुद को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी (एनआईए) अफसर बता कर डीसीपी को मिलने पहुंचे एक युवक को महीधरपुरा पुलिस ने सोमवार रात धर दबोचा। पुलिस ने उसके कब्जे से फर्जी परिचय पत्र, दो एयरगन व एक स्कूटर भी जब्त किया है।
मामले की जांच कर रहे पुलिस निरीक्षक जे.टी.सोनारा ने बताया कि पंजाब के धरमकुंड का निवासी आरोपी राजदीपसिंह कंडा (३५) मोटा वराछा गांव के जोषी फलिया में रहता है। वह खुद को अधिकारी बताता था और उसने एनआईए का फर्जी परिचय पत्र भी बना रखा था।
आम लोगों को झांसा देने में सफल होने पर वह पिछले कुछ दिनों से डीसीपी जोन-३ जगदीश पटेल को फोन कर मिलने के लिए समय मांग रहा था। जगदीश पटेल ने उसे सोमवार शाम मिलने के लिए कहा। तो वह एक स्कूटर पर महिधरपुरा पुलिस थाने की पहली मंजिल पर स्थित उनके कार्यालय पर पहुंचा।
वहां बातचीत में उसने खुद को एनआईए का सीनियर सुपरीटेंडेन्ट बताया। लेकिन उसका व्यवहार उसके मुताबिक नहीं था। बातचीत के उसके अंदाज से पटेल को उसके आईपीएस अधिकारी होने पर संदेह हुआ। उन्होंने उसके बैच इत्यादी के बारे में विस्तृत पूछताछ की।
शक और अधिक पुख्ता होने पर उसे वहीं बिठाए रखा और आलाधिकारियों से संपर्क कर उसके बारे में पड़ताल करवाई। एनआईए से संपर्क कर तस्दीक की गई। एनआईए से उसके फर्जी होने की जानकारी मिलने पर महीधरपुरा पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसका फर्जी परिचय पत्र, दो एयरगन व स्कूटर जब्त कर लिया तथा उसके खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
कई अधिकारियों को दिया झांसा
सूत्रों का कहना हैं कि राजदीप पिछले छह-सात महीने से सूरत में रह रहा था और पुलिस उप निरीक्षक व निरीक्षक स्तर के कई अधिकारियों को अपना फर्जी परिचय पत्र दिखा कर झांसा दे चुका था। उसने इसके जरिए पुलिस महकमें के छोटे अधिकारियों से कई काम भी निकलवाए थे। हालांकि इस संबंध में महीधरपुरा पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। जांच जारी होने का राग अलाप रही है।