काठमांडू। ‘स्विस मशीन’ के नाम से लोकप्रिय स्विट्जरलैंड के पर्वतारोही उली स्टीक की नेपाल में स्थित पर्वत नुप्त्से से गिरकर मौत हो गई। इस पर्वत पर चढ़ाई के दौरान उनका पैर पहाड़ी से फिसल गया।
पवर्त पर चढ़ाई के लिए अनुमति देने वाले नेपाल के पर्यटन विभाग के अनुसार कोमोलांगा क्षेत्र में वसंत ऋतु में यह पहली मौत है।
पर्यटन विभाग के एक अधिकारी खेम राज अरयाल ने बताया कि 40 वर्षीय स्टीक पहले शिविर से दूसरे शिविर की ओर बढ़ रहे थे। यह शिविर 7,855 मीटर की ऊंचाई वाले नुप्त्से पर्वत का आधार माना जाता है। स्टीक की 1,000 मीटर की ऊंचाई से गिर कर मौत हो गई।
यह दुर्घटना नेपाल के स्थानीय समयनुसार सुबह आठ बजे हुई। स्टीक के अभियान का आयोजन करने वाली ‘सेवन समिट ट्रैक्स’ कंपनी ने इसकी पुष्टि की।
इस घटना के बाद स्टीक के शव को लुकला हवाईअड्डा लाया गया और इसके बाद इसे हेलिकॉप्टर के जरिए काठमांडू पहुंचाया गया।
‘सेवन समिट ट्रैक्स’ कंपनी के प्रबंधक निवेश कार्की ने कहा कि स्टीक के शव को पोस्टमार्टम के लिए काठमांडू के ‘त्रिभुवन यूनिवर्सिटी टीचिंग हॉस्पिटल’ लाया गया है।
नेपाल पर्यटन विभाग के अनुसार, स्टीक को 13 अप्रेल को नुप्त्से पर्वत पर चढ़ाई की अनुमति मिली थी और वह उसी दिन चढ़ाई के लिए निकल गए थे। उनके साथ इस चढ़ाई पर 14 अन्य सदस्य भी थे। स्टीक के अलावा इस अभियान पर स्विट्जरलैंड के एक अन्य पर्वतारोही भी थे।
अपनी तेजी के लिए बनाए गए रिकॉर्ड के कारण लोकप्रिय स्टीक ने कई पुरुस्कार जीते। वह 2012 में बिना ऑक्सीजन के क्यूमोलंगामा के शिखर तक पहुंच चुके थे। इसके बाद उन्होंने 2015 तक केवल 62 दिनों में सभी अल्पाइन पहाड़ियों की चढ़ाई की थी, जिनकी कुल ऊंचाई 4,000 मीटर है।