नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर खराब हुए फसलों के लिए मुवावजे की मांग को लेकर जमा हुए किसानों में से एक ने फांसी लगाकर जान दे दी। यह घटना पुलिस की मौजूदगी में हुई। मृतक किसान राजस्थान के दौसा जिले का रहने वाला बताया गया है।
दिल्ली पुलिस आयुक्त को इस संबंध में गृहमंत्रालय से जांच के आदेश मिले है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने अपराध शाखा को इसका जिम्मा सौंप दिया है। यहीं स्थाननीय लोगों का आरोप है कि इस दौरान दिल्ली पुलिस और केंद्रीय रिर्जव सुरक्षा बल के जवान तमाशबीन बने रहें। यदि पुलिस थोड़ी सी जहमत उठती तो उसे बचाया जा सकता था।
पुलिस को उसके पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें उसने अपनी मजबूरी बया की है। वहीं बस्सी ने बताया कि युवक का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के हवाले कर दिया गया।
बुधवार दोपहर आम आदमी पार्टी (आप) ने जंतर-मंतर पर भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर किसानों के हित के लिए एक रैली आयोजित की थी। इसी दौरान करीब 1:30 बजे उसके मंच से चंद कदम की दूरी पर राजस्थान के दौसा जिले का 35 वर्षीय किसान गजेंद्र सिंह नीम के पेड़ पर चढ़ गया। करीब एक घंटे वह अपने परेशानियों को गृहमंत्रालय तक पहुंचाने की कोशिश करता रहा।
इसी दौरान उसने सफेद गम्छे से फंसा लगा लिया। देखते ही देखते उसके प्राण पखेरू उड़ गए। फंदा लगाने से पहले उसने एक सुसाइट नोट नीचे फेंका था। जिसमें उसने लिखा था कि उसकी फसले खराब हो गई है। उसके तीन बच्चे व बीबी है।
स्थानीय ने बताया कि जब वह पेड़ पर चढ़कर अपने गले में फंदा डाला अपनी बाते कह रहा था तो लोगों ने पुलिस से किसी अनहोनी होने की आशंका जाहिर करते हुए उसे उतारने की बात कही। जिस पर पुलिस ने अपने हाथ खड़े कर लिए और इसे रोज की बात कहते हुए चलते बने।
जोगंदर देशवर नाम का व्यक्ति उसे बचाने के लिए पेड़ पर चढ़ा, तब तक गजेंद्र ने फांसी लगा ली। जोगेंदर ने जब पुलिस से उसे उतारने के लिए सहायता मांगी तो कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया।