नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर किसान की मौत को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार और दिल्ली पुलिस के बीच ठन गयी है तथा दोनों एक दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगा रहे है।
पुलिस का आरोप है कि पेड़ पर चढे किसान को बचाने में आप नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बाधा पैदा की, वहीं आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार पुलिस पर कोताही बरतने का आरोप लगा रही है।
दूसरी ओर दिल्ली पुलिस ने गुरुवार मामले की छानबीन के लिए ये दिल्ली सरकार द्वारा घोषित मजिस्ट्रेट जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह उसका अधिकार क्षेत्र नही है। दिल्ली पुलिस एफआईआर के आधार पर ही आगे कार्रवाई करेगी।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में कहा कि पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सहयोग नहीं किया। यह पूर्ण रूप से एक ऐसी घटना है जहां आप के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने व्यक्ति को खुदकुशी के लिए उकसाया तथा उन्होंने पुलिस की ओर से किए गए आग्रह की ओर कोई ध्यान नहीं दिया।
भारतीय दंड संहिता की धाराओं 306 (आत्महत्या के लिए उकसाने), 186 (सार्वजनिक कार्यक्रम में लोक सेवक के काम में बाधा डालना) और 34 (साझा इरादा) के तहत संसद मार्ग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
आप की रैली में तैनात रहे पुलिस निरीक्षक एस यादव की शिकायत पर दो पृष्ठों की प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें कहा गया है कि दिन में करीब 12.50 बजे जब आप नेता भाषण दे रहे थे तो उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक पेड़ की ओर देख रहे हैं और तालियां बजा रहे हैं जहां एक व्यक्ति झाड़ू लहरा रहा था।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि मंच पर मौजूद नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ सहयोग नहीं किया।