श्रीनगर। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि संविधान की धारा 35ए को निरस्त किए जाने पर ‘जनविद्रोह’ की स्थिति पैदा होगी।
विपक्षी नेताओं के साथ बैठक के बाद अपने आवास पर सोमवार को संवाददाताओं से फारूक ने कहा कि जब इस फैसले की नौबत आएगी, तो आप व्यापक जनविद्रोह देखेंगे। मत भूलिए कि जब 2008 में अमरनाथ भूमि मामला सामने आया था, तो लोग रातोंरात उठ खड़े हुए थे।
उन्होंने कहा कि धारा 35ए को रद्द किए जाने का नतीजा और बड़े विद्रोह की वजह बनेगा। मुझे नहीं पता कि सरकार इसे कैसे रोक सकेगी।
फारूक द्वारा आहूत बैठक में कांग्रेस व अन्य दलों ने शिरकत की। यह धारा 35ए को निरस्त किए जाने की स्थिति में होने वाले असर पर विचार के लिए बुलाई गई थी। यह धारा जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा को राज्य में स्थायी निवास और विशेषाधिकारों को तय करने का अधिकार देती है।
यह धारा 1954 में प्रेसीडेंशियल आर्डर के जरिए अमल में आई थी। एक गैर सरकारी संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी है।
इस धारा को निरस्त करने की मांग करने वालों का कहना है कि धारा 368 के तहत संविधान संशोधन के लिए नियत प्रक्रिया का पालन करते हुए इसे संविधान में नहीं जोड़ा गया था।