नरसिंहपुर। एक जून की शाम को अचानक गायब हुए 10वीं कक्षा के एक छात्र को उसके सहपाठी जिगरी दोस्तों ने ही शराब के नशे में मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने 24 घंटे के भीतर हत्या की इस गुत्थी को सुलझाकर वारदात के तीन आरोपियों को जेल की सीखचों के पीछे पहुंचाया।
शुक्रवार को कोतवाली में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक राजन ने मीडिया के समक्ष इस अंधे हत्याकांड का खुलासा किया। इस मौके पर एसडीओपी नरेश शर्मा, टीआई डीव्हीएस नागर, स्टेशन चौकी प्रभारी हिमलेंद्र सिंह भी विशेष रूप से मौजूद थे।
राजन ने बताया कि स्टेशन चौकी अंतर्गत ग्राम बाघपौंड़ी निवासी 18 वर्षीय कृष्णा पिता राजेश पटैल की आरोपीगण शैलेंद्र पिता स्व. सुरेंद्र पटेल 18 वर्ष निवासी धमना हाल मु. धनारे कॉलोनी नरसिंहपुर, विश्वजीत पिता स्व. अनुराग परिहार निवासी जोबा 18 वर्ष हाल मु. रेवानगर नरसिंहपुर एवं शुभम पिता बिरजु जाटव 18 वर्ष निवासी बरगी कॉलोनी नरसिंहपुर से घनिष्ट मित्रता थी। चारों ने कक्षा दसवीं की परीक्षा दी थी इनमें से किसी को सप्लीमेंटी आयी थी तो कोई फेल हो गया था।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी विश्वजीत परिहार को शक था कि मृतक कृष्णा पटेल उसकी रिश्ते में बहन लगने वाली एक युवती के प्रति बुरी नजर रखता था इसी का बदला लेने के लिए उसने हत्या का यह ताना-बाना बुनकर अन्य साथियों की भी इसमें मदद ली।
शराब पिलाकर बेसुध किया, फिर गले में मारा कटर
पुलिस ने बताया कि 1 जून को दोहपर 3 बजे कृष्णा पटैल ने अपने जीजा नरेंद्र के साथ कपड़े खरीदे और शाम को वह अपने पिता राजेश पटैल से मिलने उनके कार्यालय चला गया। वहां से लौटते वक्त उसे आरोपी विश्वजीत परिहार व शैलेष पटैल ने शराब पार्टी करने के लिए बुला लिया।
तीनों नरसिंहपुर जनपद मैदान में एकत्र हुए और स्टेशनगंज पहुंचकर एक बार में शराब पी। फिर तीनों शैलेष की मोटर साइकिल से सुआतला थाना अंतर्गत झिराघाटी पहुंचे जहां पुरानी सागर रोड के पास स्थित पहाड़ी पर विश्वजीत व शैलेष ने कृष्णा पटेल को बेसुध होने तक शराब पिलाई और धारदार रेडियम कटर से गला रेतकर उसकी हत्या कर दी।
जला दी हत्या में प्रयुक्त सामग्री
कृष्णा पटेल की हत्या करने के बाद दोनों आरोपी उसके उसके शव को वहीं छोड़कर उसका मोबाईल, पर्स व अन्य सामग्री अपने साथ नरसिंहपुर ले आये और एमकेडी स्कूल के पास स्थित नहर में नहाने के बाद इन्होंने मृतक के मोबाईल से उसके पिता राजेश पटेल को आवाज बदलकर कॉल लगाई और कहा कि हमने तुम्हारे लड़के का अपहरण कर लिया है।
यदि उसे जिंदा देखना चाहते हो तो 10 लाख रूपए की फिरौती तैयार रखो। इसके बाद इन्होंने अपने एक अन्य दोस्त शुभम जाटव को मौके पर बुला लिया और तीनों जरजोला रोड स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर के पास पहुंचे और मृतक का मोबाईल, रक्तरंजित शर्ट व हत्या में प्रयुक्त कटर को जला दिया।
अपहरण मानकर शुरू हुई थी तफ्तीश
मृतक के पिता राजेश पटैल से जब 10 लाख की फिरौती मांगी गई तो वे घबरा गए और वे अपने पुत्र को यहां-वहां तलाशने लगे। अगले दिन उन्होंने स्टेशन चौकी में आकर पूरा वाक्या चौकी प्रभारी हिमलेंद्र सिंह को बताया और पुलिस ने धारा 364 ए, 34 के तहत मामला दर्ज कर तफ्तीश प्रारंभ की।
तफ्तीश के दौरान मृतक व आरोपियों की प्रगाढ़ मित्रता सामने आई और पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने सारी वारदात उगल दी। पुलिस अधीक्षक मुकेश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में अंजाम दी गई इस कार्रवाई में एएसआई संतोष मिश्रा, प्रआ रविशंकर, आर. संजय मिश्रा, आरक्षक सचिन, रामअनुग्रह तिवारी, उमाकांत तिवारी व सैनिक अवधेश का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा।