अलीगढ़। अलीगढ अपर जिला जज फास्ट ट्रैक प्रथम जमशेद अली ने आठ साल पूर्व बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले पिता को दस साल का सश्रम कारावास और 15 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई।
अभियोजन पक्ष के अनुसार देहलीगेट थाना क्षेत्र के मोहल्ला सराय मियां की 15 वर्षीया किशोरी दसवीं कक्षा की छात्रा ने अपने पिता पर यौन शोषण और गर्भपात कराने का आरोप लगाया था। पीडिता का कहना था कि पिता दो साल से लगातार केन्द्रीय संस्थान से छुट्टी पर आकर दुष्कर्म करता था।
मां के द्वारा विरोध करने पर उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया, इसमें पिता की बहनें मदद करती हैं, वर्ष 2008 व 09 में उसका गर्भपात भी कराया गया।
उसने मोहल्ले के कुछ लोगों को अपनी पीड़ा सुनाई तो घटना प्रकाश में आते ही महापौर शकुन्तला भारती के संज्ञान में आया, इसके बाद महापौर ने थाना देहलीगेट में मुकद्दमा दर्ज करवाया।
इसमें छात्रा ने पिता, बुआ व दादी को भी नामजद किया, इसमें आरोपी पिता जेल में है। पुलिस ने आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया, इस मामले में पीडि़ता के अलावा, डाक्टर, विवेचक और महापौर शकुन्तला भारती ने गवाही दी।
न्यायाधीश ने सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों, गवाहों के बयान और अधिवक्ताओं की बहस के बाद आरोपी पिता को दोषी ठहराया आरोपी को दस साल का कठोर कारावास और 15 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई, वहीं अन्य आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में दोष मुक्त कर बरी कर दिया।