जकार्ता। इंडोनेशियाई द्वीप बाली में स्थित एक बड़े ज्वालामुखी माउंट अगुंग के आसपास झटकों की बढ़ती संख्या के कारण करीब 75,000 लोगों को इलाके से बाहर निकाला गया है।
राष्ट्रीय आपदा निवारण एजेंसी के एक अधिकारी ने कहा कि माउंट अगुंग एक नाजुक चरण में प्रवेश कर रहा है। हालांकि, 22 सितम्बर से ही अलर्ट का शीर्ष स्तर घोषित किया गया है लेकिन यह निश्चित नहीं है कि ज्वालामुखी फटेगा ही।
उन्होंने कहा कि अगुंग में ज्वालामुखीय गतिविधि लगातार बढ़ रही है और इसका लावा ऊपरी सतह की तरफ बढ़ रहा है।
समाचार एजेंसी एफे के अनुसार सोमवार को माउंट अगुंग में 547 ज्वालामुखीय भूकंप रिकार्ड किए गए जोकि 22 सितम्बर को रिकार्ड किए गए 119 भूकंपों से चार गुना ज्यादा थे। यह दर्शाता है कि लावा ऊपर की तरफ बढ़ने की संभावना है।
एजेंसी का कहना है कि करीब 80,000 निवासी करंगसाम जिले में ज्वालामुखी के आसपास के 12 किलोमीटर के इलाके में रहते हैं। इस क्षेत्र को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किया गया है।इंडोनेशियन रेड क्रॉस सदस्यों ने चेतावनी के संकेत लगा दिए हैं।
स्थानीय अधिकारियों ने पर्यटकों को आश्वस्त किया है कि समूचा द्वीप पर्यटन के लिए खतरनाक नहीं है और बाली का गुरह राय अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा सामान्य रूप से काम करेगा। हालांकि, दूतावासों ने ज्वालामुखी फटने की स्थिति में उड़ानों के रद्द होने की संभावना की चेतावनी दी है।
एजेंसी ने 21 सितम्बर को अपने एक बयान में कहा था कि वर्तमान झटके 1963 में माउंट अगुंग में आए झटकों के समान है। 1963 में इसके कारण 1100 लोगों से अधिक की जान गई थी।