नई दिल्ली। क्यूबा के जाने-माने कम्युनिस्ट क्रांतिकारी नेता और पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का निधन हो गया। वह 90 साल के थे और सालों से बीमार चल रहे थे। इस बात की पुष्टि उनके भाई और क्यूबा के वर्तमान राष्ट्रपति राउल कास्त्रो ने की है।
राउल कास्त्रो ने फिदेल कास्त्रो के निधन की घोषणा क्यूबा के सरकारी टीवी पर की। माना जाता है कि उन्हें आंत की कोई गंभीर बीमारी थी, हालांकि उनकी बीमारी के बारे में हमेशा ही गोपनीयता बरती गई।
बीमारी के बाद वह सार्वजनिक जीवन से अलग थे और पिछली बार उन्होंने अप्रेल में पार्टी कांग्रेस को संबोधित किया था। कास्त्रो का जन्म 13 अगस्त 1926 को हुआ और वह दुनिया के बड़े कम्युनिस्ट नेता माने जाते थे।
अमरीका के प्रति उनकी चिढ़ सर्वविदित थी और उन्होंने अमरीका समर्थित बतिस्ता प्रशासन के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद किया था, लेकिन तख्तापलट में कामयाब नहीं हो सके और उन्हें 1953 में बंदी बना लिया गया। करीब तीन साल बाद उन्हें मानवता के आधार पर रिहा किया गया।
रिहा होने के बाद वह चुप नहीं बैठे और बतिस्ता सरकार के खिलाफ जनआंदोलन का नेतृत्व करते रहे और अंततः 1959 में हुए चुनाव में विजयी रहे और इस तरह देश के प्रधानमंत्री बने।
वह 1976 तक प्रधानमंत्री रहे और फिर राष्ट्रपति बने। खराब सेहत के कारण 2008 अपने भाई राउल कास्त्रो को औपचारिक तौर पर पद सौंपने तक वह राष्ट्रपति बने रहे।