लखनऊ। गैंगरेप पीड़िता पर हुए एसिड हमले के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है। पीड़ित के चेहरे का दाहिना भाग व कंधा हमले में जल गए हैं। पुलिस ने कहा कि यह बीते नौ सालों में दुष्कर्म पीड़िता पर हुआ पांचवा हमला है।
महिला को लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। महिला शनिवार रात अलीगंज इलाके में अपने हॉस्टल में नल से पानी लेने जा रही थी, जब उस पर तेजाब फेंका गया।
पुलिस महानिरीक्षक जय नारायण सिंह ने कहा कि उसकी चिल्लाने की आवाज सुनकर हॉस्टल में रहने वाले उसे बचाने पहुंचे। उन्होंने बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह तब तक भाग चुके थे। हॉस्टल की चारदीवारी छह फीट ऊंची है।
पुलिस ने पीड़िता के संदेह के आधार पर दो आरोपियों भोंदू सिंह व गुड्डू को हिरासत में लिया है, लेकिन वे दोनों घटना के समय रायबरेली में पाए गए।
साल 2008 में संपत्ति विवाद को लेकर महिला (45) के साथ पहली बार सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। साल 2012 में महिला पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला किया।
साल 2013 में फिर से महिला पर एसिड फेंका गया। बीते साल दिसंबर में कुछ लोगों ने महिला व उसकी पुत्री से दुष्कर्म की धमकी दी थी। इस साल 23 मार्च को उसे गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन में एसिड पीने को मजबूर किया गया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उससे अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी और उसे सुरक्षा का भरोसा दिया गया था। लेकिन, महिला की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
पीड़िता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र की निवासी है। वह एसिड पीड़ितों द्वारा चलाए जा रहे एक कैफे में लखनऊ में काम करती है और अलीगंज में हॉस्टल में रहती है।