वाराणसी। सिख धर्म के पांचवे गुरू अर्जुन देव का शहीदी पर्व बुधवार को समाज के लोगों ने श्रद्धा के साथ मनाया।
इस दौरान शहर के नीचीबाग और गुरूबाग गुरूद्यारे के बाहर जहां राहगीरों के लिए ठंडा पानी शरबत का इंतजाम किया गया था। वहीं शहर के कई हिस्सो में राहगीरों के लिए समाज के लोगों ने शरबत और ठंडे पानी का इन्तजाम किया था।
इस क्रम में विश्वेश्वरगंज जतनबर स्थित संगत चेतन मठ में सुखमनी साहिब का पाठ महन्त प्रीतम दास की अगुवाई में किया गया।
इस दौरान महन्त प्रीतम दास ने कहा कि आज के ही दिन जेठ सुदी की चौथ पर मुगलों ने पांचवी पातशाही पर जो जुल्म ढाए जो भी उनकी शहादत को याद करता है मात्र याद करने से ही उनकी रूह कांप उठती है, मगर शांति के पुंज गुरु अर्जुन देव जी के मुख से ऊफ तक न निकली। सभी लोगों को गिरफ्तार कर लिया, जालिम जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को भी नहीं बख्शा।
जहांगीर ने गुरु अर्जुन देव जी को धर्म परिवर्तन करने को कहा, मगर गुरु जी ने इस्लाम धर्म कबूल करने से मना कर दिया । इसके बाद पहले तो जालिमों ने गुरु जी को ऊबलते पानी,फिर उन्हें गर्म तवे के ऊपर बिठाया,मगर इससे भी जालिमों का दिल नहीं भरा तो उन पर गर्म रेत डाली गई।
इतने जुल्म सहने के बाद भी गुरु अर्जुन देव जी शांत रहे। इस मौके पर गुरू की याद में शबद कीर्तन भी हुआ। दोनों गुरुद्वारों में पंचम पादशाह की स्तुति में पाठ भी हुआ।