कुआंतान/मलेशिया। चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान के हॉकी मैचों का इंतजार लाखों हॉकी प्रेमियों को रहता है लेकिन अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ ने इन एशियाई दिग्गजों के बीच खेले गए अधिकांश मैचों को अपने रिकॉर्ड में जगह नहीं दी है। एफआईएच को सबसे ज्यादा कमाई भारत और पाकिस्तान के बीच मैचों से होती है। इसके बावजूद एफआईएच ने इन एशियाई दिग्गजों के बीच खेले गए 120 मैचों को अपनी रिकॉर्ड बुक में जगह ही नहीं दी है।
भारत और पाकिस्तान के बीच पहला मैच 1956 में मेलबोर्न ओलंपिक के फाइनल में खेला गया था। पिछले छह दशक में करीब 166 बार दोनों टीमें भिड़ चुकी हैं। एशियन चैंपियंस ट्रॉफी में रविवार को भारत की जीत 54वीं थी। पाकिस्तान 82 मैच जीत चुका है जबकि 30 मैच ड्रॉ रहे।
एफआईएच ने फैसला किया है कि इस हॉकी इतिहास का अधिकांश हिस्सा मिटा दिया जाए। एफआईएच ने जो ‘टीएमएस डाटा’ तैयार किया है, उसमें भारत और पाकिस्तान के सिर्फ 46 मैचों का जिक्र है। चैंपियंस ट्रॉफी के आयोजक उन्हीं आंकड़ो के आधार पर रिकॉर्ड तैयार कर रहे हैं। भारतीय खिलाड़ियों द्वारा पाक के खिलाफ किए गए 321 गोल में से सिर्फ 98 को ही एफआईएच डाटा में जगह मिली है। इसका मतलब बाकी 223 गोल में उनकी मेहनत बेकार गई। इसी तरह पाक खिलाड़ियों द्वारा भारत के खिलाफ किए गए 386 गोल में से सिर्फ 110 को मान्यता मिली है।
एफआईएच के पास नहीं रिकॉर्ड :
हॉकी के सांख्यिकीविद बीजी जोशी के अनुसार एफआईएच के पास भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक खेले गए मैचों के पास पूरे रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं। इसकी वजह से उसने ओलंपिक, विश्व कप, चैंपियंस ट्रॉफी और ओलंपिक क्वालीफायर्स के भी सभी मैचों को भी शामिल नहीं किया है। एफआईएच डाटा में 2014 से पहले के एशियाई खेलों और 2013 से पहले के अजलान शाह कप को भी जगह नहीं मिली है।