मुंबई। संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ की रिलीज को लेकर हो रहे विरोध के बीच ‘इंडियन फिल्म एवं डायरेक्टर्स एसोसिएशन’ फिल्म एवं टेलीविजन उद्योग 20 अन्य निकायों के साथ मिलकर फिल्म के प्रति समर्थन जताने के लिए और व्यक्तिगत रचनात्मकता और अभिव्यक्ति की आजादी की सुरक्षा के लिए 15 मिनट के ‘ब्लैकआउट’ की योजना बना रहा है।
आईएफटीडीए के अशोक पंडित ने इस योजना की पुष्टि करते हुए बताया कि हम ‘पद्मावती’ और एसएलबी (संजय लीला भंसाली) को अपना समर्थन देना जारी रखेंगे क्योंकि अपने तरीके से कहानी बताना एक रचनात्मक शख्स का बुनियादी अधिकार है।
उन्होंने कहा कि संजय एक जिम्मेदार फिल्मकार हैं और इतिहास से संबंधित फिल्म बनाना आसान काम नहीं बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी है। फिल्म के साथ अपनी एकता व समर्थन दर्शाने के लिए हम रविवार को 15 मिनट के ब्लैकआउट के लिए एकत्रित होंगे, जब मुंबई में सभी शूटिंग इकाईयों की रोशनी बुझा दी जाएगी और कोई शूटिंग नहीं होगी।
पंडित ने कहा कि वे सभी जब-तब फिल्मों का विरोध करने वालों और निर्माताओं व कलाकारों को धमकाने वाली गैर-संस्थागत संस्थाओं का कड़ा विरोध करते हैं। इस महीने की शुरुआत में आईएफटीडीए कुछ अन्य फिल्म संगठनों के साथ ‘पद्मावती’ के समर्थन में आगे आई थी।
इस विवाद की शुरुआत इस धारणा के साथ शुरू हुई कि फिल्म में रानी पद्मावती और अलाउद्दीन खिलजी के बीच कुछ अंतरंग दृश्य हैं, जिससे राजपूत समुदाय की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
फिल्म एवं टेलीविजन उद्योग के सदस्य ‘मैं आजाद हूं’ नामक ब्लैकआउट विरोध प्रदर्शन में 26 नवंबर को शामिल होंगे। इसका आयोजन फिल्म सिटी के मुख्य प्रवेश द्वार पर अपराह्न 3.30 बजे से होगा।