नई दिल्ली। बीते दो दशकों से फिल्म का उद्योग का हिस्सा बनीं अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे का कहना है कि फिल्म निर्माता अब उबाऊ कहानियों और पुराने फॉर्मूले को छोड़कर मजबूत कहानियों का चयन कर रहे हैं।
सोनाली से जब यह पूछा गया कि इतने सालों में फिल्म उद्योग में क्या बदलाव आया है तो उन्होंने बताया कि चीजें अब ज्यादा पेशेवर और व्यवस्थित हो गई हैं। महिलाओं के लिए अच्छी भूमिकाएं लिखी जा रही हैं और लोग उबाऊ व पुराने फॉमूर्ले की बजाय दमदार कहानी को बढ़ावा दे रहे हैं।
सोनाली (42) ने कहा कि भारतीय फिल्म का विकास होने के साथ यह अब उम्र पर केंद्रित नहीं रह गया। उन्होंने कहा कि चीजें धीरे-धीरे बदल रही हैं और यह अच्छी बात है।
क्या पहले की अभिनेत्रियां महज गलैमर के रूप में फिल्मों का हिस्सा होती थीं? यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘हां’ ऐसा होता था। उस समय यह फिल्मी सितारे की लोकप्रियता पर निर्भर करता था और अब इस बात पर ध्यान दिया जाता है कि किसी खास किरदार को कौन कलाकार बखूबी निभा सकता है।
सोनाली का कहना है कि सिनेमा फिर से अपने सुनहरे दौर में है। उन्होंने कहा कि श्वेत-श्याम युग में ऐसा हुआ करता था, जहां महिलाओं के लिए दमदार किरदार लिखे जाते थे और मुझे लगता है कि हम फिर से सिनेमा के सुनहरे दौर को देख रहे हैं।
सोनाली ने लोगों के बीच किताबें पढने की आदत को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर बुक क्लब शुरू किया है। उनका कहना है कि आजकल सबकुछ डिजिटल है और लोग लगातार टीवी देखने या फोन पर व्यस्त रहते हैं, इसलिए पढ़ने की आदत को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने इसे शुरू किया है।
सोनाली साल 2013 की फिल्म ‘वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई’ में मेहमान भूमिका में नजर आई थीं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें बढ़िया और दिलचस्प किरदार निभाने का प्रस्ताव मिलता है तो वह फिल्मों में वापसी करने के लिए तैयार हैं।