

पणजी। क्रोएशिया के फिल्म निर्देशक रजको ग्रलिक ने भले ही कई पुरस्कार विजेता फिल्मों का निर्देशन किया हो लेकिन उनका मानना है कि सिनेमा से समाज में बदलाव नहीं लाया जा सकता।
‘ब्रावो माइस्ट्रो’, ‘थ्री फोर हैप्पीनेस’ और ‘द बॉर्डर पोस्ट’ जैसी फिल्मों के निर्देशक को लगता है कि सिनेमा किसी व्यक्ति को अंतर्निहित गुणों की याद दिला सकता है लेकिन एक साथ बड़े पैमाने पर समाज में बदलाव नहीं ला सकता।
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि फिल्में कुछ बदल सकती हैं। वे समाज को नहीं बदल सकती, वे कहानियां हैं। वे भावनाएं व्यक्त करती हैं। अगर आप किसी को अपने भावनाओं से वाकिफ कराएं तो यह उस व्यक्ति को उसके भीतर पहले से मौजूद कुछ अच्छी चीजें याद दिला सकती हैं।
ग्रलिक ने यहां 47वें भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव आईएफएफआई में संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए यह कहा। महोत्सव में उनकी हालिया फिल्म ‘द कांस्टिट्यूशन’ दिखाई गई।