मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान के ‘हिट एंड रन’ मामले में गुरूवार को बॉम्बे उच्च न्यायालय अपना फैसला सुना सकता है।
बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा कि अगर कोई गवाह थोड़ा विश्वसनीय भी हो तो उसकी गवाही को अन्य किसी के द्वारा समर्थन की जरूरत पड़ती है। रविंद्र पाटिल को पूरी तरह विश्वसनीय गवाह नहीं माना जा सकता।
न्यायालय ने यह भी कहा कि निचली अदालत ने पाटिल की गवाही पर विश्वास कर गलती की है। मामले में पिछले सप्ताह उच्च न्यायालय ने अपनी सुनवाई पूरी की।
इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने कहा कि इस बात के भी सबूत नहीं मिले हैं कि हादसे के वक़्त सलमान नशे में थे। न्यायालय ने कहा कि ऐसे सबूत नहीं मिले हैं कि हादसे के वक़्त सलमान खान गाड़ी चला रहे थे। सोमवार से न्यायमूर्ति एआर जोशी अपना फैसला लिखवा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि 2002 के मामले में सलमान को मुंबई सत्र न्यायालय ने पांच साल की सजा सुनाई थी। फैसला आते ही उनके वकील ने बॉम्बे उच्च न्यायालय में अपील की जिसे उसी दिन स्वीकार कर लिया और सलमान को जमानत मिल गई।
सलमान पर आरोप है कि उन्होंने 28 सितंबर 2002 को कार चलाते समय बांद्रा के अमेरिकन बेकरी के पास फुटपाथ पर सो रहे 5 लोगों को कुचल दिया था। सलमान का कार से नियंत्रण हट गया था।
इस हादसे में एक व्यक्ति नुरुल्ला शरीफ की मौत हो गई थी, जबकि 4 अन्य- अब्दुल्ला शेख, मुस्लिम शेख, मुन्नू खान और मुहम्मद कलीम घायल हुए थे।