नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि नोटबंदी की सफलता का वास्तविक पैमाना डिजिटल लेनदेन की मात्रा में बढ़ोतरी, कर दायरे का बढ़ना और उच्च मूल्य के नोटों के परिचालन में कमी आना है।
रिजर्व बैंक ने कुछ दिन पहले यह खुलासा किया था कि नोटबंदी के बाद 99 प्रतिशत प्रतिबंधित नोट बैंकों में वापस आ गए, जिसके बाद केंद्र सरकार द्वारा नवंबर, 2016 में लिए गए इस फैसले पर विपक्ष को हमले का मौका मिल गया था।
जेटली ने गूगल के नए डिजिटल भुगतान एप ‘तेज’ को लांच करते हुए यहां कहा कि कुछ जमात में समझ की कमी है और वह नोटबंदी की सफलता केवल इससे मापते हैं कि कितना नोट बैंकों में पहुंचा।
जेटली ने कहा कि मेरे पास नोटबंदी की सफलता को मापने के तीन पैमाने हैं। पहला, हम एक समय में आरबीआई द्वारा छापे गए नोटों के परिचालन को कितना कम कर पाए। मात्रा के हिसाब से ऊंचे मूल्य वाले नोटों का परिचालन पहले ही कम हो गया है। दूसरा, नोटबंदी के प्रभाव के बाद हम कर दायरे में कितने लोगों को ला पाए या इसका विस्तार कर पाए। तीसरा पैमाना डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देना है।
उन्होंने कहा कि ये तीनों नोटबंदी की सफलता के पैमाने हैं, जो दोनों मध्यम और लंबे समय के लिए सकारात्मक रूप से फायदेमंद होंगे।
जेटली ने कहा कि अधिकांश लोग आज के समय में सरलता की वजह से डिजिटल भुगतान का प्रयोग करते हैं न कि दबाव की वजह से। इस संबंध में हमलोगों ने ऊंचाई प्राप्त कर ली थी, लेकिन उसके बाद हम थोड़ा फिसले और अब हम दोबार आगे बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उन्नत प्रोद्यौगिकी की मदद से गूगल का एप मौद्रिक लेनदेन के लिए सबसे आसान साधन है। जेटली ने कहा कि गूगल का नया डिजिटल भुगतान एप अगले कुछ महीनों में डिजिटल भुगतान में काफी प्रगति कर लेगा।
भारत सरकार के एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) को सपोर्ट करने वाले ‘तेज’ एप से ग्राहक सीधे अपने बैंक खातों से मुफ्त में छोटे या बड़े भुगतान कर सकते हैं।
एप को भारत में बड़ी संख्या में स्मार्टफोनों की संख्या और यहां की सात भाषाओं (हिंदी, बांग्ला, गुजराती, कन्नड़, मराठी, तमिल और तेलुगू) को देखते हुए बनाया गया है। गूगल ने इस एप के लिए एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के साथ साझेदारी की है।
जेटली ने कहा कि नोटबंदी के बाद गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई से ‘तेज’ के बारे में बात की गई थी। गूगल ने भारत में अर्थव्यवस्था और व्यापार के संबंध में अपार संभावनाएं देखी थीं।
जेटली ने कहा कि उच्च मूल्य के नोटों के विकल्प के बारे में पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी भी गंभीरता से नहीं सोचा और लोगों को कम कर आधार पर सामान्य रूप से ऊंचे मूल्य वाले नोट के साथ जीने की आदत थी।