अजमेर। बाल विकास विभाग ने आईसीडीएस मिशनमोड योजना के अन्तर्गत 1941 आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए द्वितीय किश्त के रूप में 3820.50 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्रदान की है।
यह राशि 2.25 लाख रुपए प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्र को देने के हिसाब से सीधे जिला परिषदों के निजी निक्षेप हाथों में हस्तांतरित की गई है। प्रथम किश्त के रूप में 4367.25 लाख रुपए की राशि पहले ही विभाग द्वारा दी जा चुकी है। यह स्वीकृति भारत सरकार द्वारा 23 दिसम्बर 2015 को जारी वित्तीय स्वीकृति के क्रम में जारी की गई है।
इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल ने बताया कि इस राशि का उपयोग सभी 33 जिलों में आंगनबाड़ी केन्द्रों के भवन निर्माण के लिए किया जाएगा। इससे महिलाओं व बच्चों को भविष्य में और अधिक सुविधाएं मिल सकेंगी। भदेल ने कहा कि राज्य सरकार महिला एवं बच्चों के विकास के लिए सदैव तत्पर है।
भदेल ने बताया कि इसके अतिरिक्त प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में किराये के भवनों में चल रहे 1385 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भवन निर्माण मनरेगा के साथ कन्वर्जन्स करके बनाए जाएंगे। जिनकी लागत लगभग 7 लाख रूपए होगी। इसमें 5 लाख रूपए मनरेगा योजना मद से एवं 2 लाख रूपए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इन आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालयों का निर्माण भी करवाया जाएगा व पीने के पानी की व्यवस्था पंचायतीराज संस्थाओं के द्वारा 14वें वित्त आयोग के तहत प्राप्त राशि से किए जाने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार का आगामी 4 वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों में समस्त आंगनबाडी केन्द्रों पर भवन निर्माण, शौचालय व पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
भदेल ने यह भी बताया कि प्रदेष के भवन रहित आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए सरकारी भूमि उपलब्ध कराने हेतु सभी विधायकों को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों के सरपंचों को प्रेरित कर भवन रहित आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए भूमि आवंटन एवं पट्टा जारी कराने की कार्यवाही करावें।
उन्होंने बताया कि आंगनबाडी केन्द्रों के निर्माण के लिये सम्बन्धित कवरेज क्षेत्र में मात्र 600 वर्गफीट भूमि की आवष्यकता है और कवरेज क्षेत्र में स्थित राजकीय विद्यालयों, उपस्वास्थ्य केन्द्रों, चिकित्सालयों, पंचायत घरों, सामुदायिक भवनों के परिसर में भी आंगनबाडी भवन बनाए जाने के लिए भूमि उपलब्ध कराई जा सकती है। इसके लिए सम्बन्धित संस्था की अनापत्ति ही पर्याप्त है।
भदेल ने बताया कि प्रदेष में ऐसी आंगनबाडी केन्द्रों के जो किराये के भवनों में चल रहे हैं उन्हें सरकारी भवनों या सामुदायिक सहभागिता के आधार पर ऐसे भामाशाह जो इन आंगनबाडी केन्द्रों के लिए नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराना चाहते हैं उनसे उपनिदेशक व बाल विकास परियोजना अधिकारी सम्पर्क कर भूमि आवंटन की कार्यवाही करेंगे। विभागीय अधिकारी, एसडीएम व तहसीलदार से समन्वय कर जल्द से जल्द इन्हें सरकारी भवनों में शिफ्ट कराने का प्रयास करें।