सूरत। सूरत जिला न्यायालय में मंगलवार दोपहर 13वें अतिरिक्त ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट से एक एफआईआर लापता होने पर हंगामा मच गया।
करीब डेढ़ घंटे बाद पता चला की एफआईआर चतुर्थ श्रेणी के कम्रचारी ने किसी वकील के जूनियर को दी है। कर्मचारी की लापरवाही को लेकर मुख्य जिला न्यायाधीश से शिकायत की गई है और उसके खिलाफ कार्रवाई होने की संभवाना जताई जा रही है।
कोर्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खटोदरा पुलिस ने मंगलवार को जमीन विवाद को लेकर सात आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एफआईआर की कॉपी कोर्ट रवाना कर दी। नियमों के मुताबिक कॉपी कोर्ट पहुंचने के बाद कोर्ट लोक कर रख दी जाती है।
दोपहर को इस मामले से जुड़े अधिवक्ता अल्पेश ठक्कर और भावेश कुलकर्णी कोर्ट पहुंचे और उन्होंने एफआईआर की कॉपी के लिए आवेदन किया, लेकिन जब स्टाफ कॉपी निकालने लगा तो वहां से एफआईआर की कॉपी ही नदारद थी। करीब आधे घंटे ढूंढने के बाद भी जब कॉपी नहीं मची तो कोर्ट में खलबली मच गई।
न्यायाधीश तक बात पहुंचने पर उन्होंने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को तलब किया और पूछताछ की तो उसने बताया कि मनीष नाम के वकील का जूनियर आया था और जेरोक्स कराने के लिए कॉपी ले गया है। करीब डेढ़ घंटे बाद वह उस वकील को ढूंढ कर लाया और कॉपी कोर्ट में जमा करवाई।
चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी की लापरवाही को लेकर न्यायाधीश ने मुख्य जिला न्यायाधीश को इसकी जानकारी दी। मुख्य जिला न्यायाधीश ने इस संदर्भ में रिपोर्ट पेश करने और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया।