संशोधित..सबगुरु न्यूज-जोधपुर/ पाली/ सिरोही/ माउण्ट आबू। माउण्ट आबू में एक व्यापारी को महिला के माध्यम से फंसाकर उससे 35-40 लाख रुपये की वसूली करने के मामले में माउण्ट आबू के निवर्तमान थानेदार रामचंद्रसिंह समेत अन्य के खिलाफ माउण्ट आबू थाने में ही शुक्रवार को आईजी हवासिंह घूमरिया के निर्देश पर एफआईआर दर्ज कर ली है। इस मामले की जांच पाली एएसपी जयपाल यादव को सौंपने के आदेश दिए गए हैं। यादव सिरोही डीएसपी भी रह चुके है।
आईजी हवासिंह घूमरिया ने पाली में एडीजी मोहनलाल लाठर की मौजूदगी में पत्रकारों को बताया कि माउण्ट आबू में इस हाइप्रोफाइल मामले में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें माउण्ट आबू एसएचओ रामचन्द्रसिंह को आरोपी माना गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में तीस लाख रुपये का लेनदेन होना सामने आया है।
आईजी ने प्रेसनोट जारी कर बताया कि इस प्रकरण में माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी रामचन्द्रसिंह, शिवानी, गोविंदराम मेघवाल,मोईनुल हक, गोविंदसिंह, गोपालसिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 388 और 120 बी में एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें जोधपुर डिफेंस कोलोनी निवासी पत्रकार सैयद मोइनुल हक पुत्र सैयद इनामुल हक व गैंग की सदस्या शिवानी रावणा राजपूत को पुलिस ने शुक्रवार को जोध्पुर से गिरफ्तार कर लिया है। अन्य आरोपियों की तालश जारी है। इनके पकड़ में आने से इस तरह की और भी वारदातें खुलने की संभावनाएं हैं। रात करीब पौने दस बजे पोलिस इन लोगो को लेक्र माउंट आबू पहुंच गयी।
एक गैंग के साथ मिलकर एक व्यवसायी को महिला के साथ पकडऩे फिर उससे 30 लाख रुपये की वसूली करने के मामले में पुलिस ने माउण्ट आबू थानाधिकारी के खिलाफ जांच की थी। वैसे इस हाईप्रोफाइल मामले में थानाधिकारी की संलिप्तता ने जिस तरह पुलिस की साख धूमिल हुई, पुलिस विभाग ने इसकी निष्पक्ष जांच करके इस दाग को धोने का भी प्रयास किया है। पुलिस ने डिलीट हो चुके सीसीटीवी फुटेज की रिकवरी करके इस मामले को खोलने में सबसे महत्वूपर्ण तथ्य पाए थे।
-जून में रची गई थी साजिश
यह मामला जून का है। राजस्थान के कश्मीर माउण्ट आबू में 23 जून की एक घटना हर किसी की जुबान पर थी। चर्चा यह थी कि माउण्ट आबू के एक व्यवसायी को पुलिस ने एक महिला के साथ पकड़ा है। माउण्ट आबू थानाधिकारी रामचंद्रसिंह से जब इस मामले में मीडिया ने पूछा तो वह बताने से कतराते रहे। जबकि इस दौरान महिला और व्यापारी उन्हीं की कस्टडी में थे।
व्यवसायी को पूरी रात थानाधिकारी ने थाने में रखा। महिला भी वहीं थी। धीरे-धीरे मामला खुला तो थानाधिकारी ने रोजनामचे में एक रपट डाली। इसके अनुसार नक्की झील से जोधपुर से गुमशुदा एक लडकी को दस्तियाब करने की बात लिखी। इसमें लिखा कि इस लडक़ी को उसे परिजनों को सौंप दिया गया है। इसके बाद यह हवा उड़ी कि पुलिस ने व्यवसायी से मोटी रकम ऐंठकर लडक़ी को छोड़ दिया।
-मामला खुला तो शर्मिंदा हुई पुलिस
इस मामले की हवा फैली तो पुलिस अधीक्षक संदीपसिंह चौहान ने इसकी जांच करने के लिए माउण्ट आबू थानाधिकारी प्रीति कांकाणी को दी। बीच में किसी दबाव से यह जांच आगे नहीं बढ़ पाई। इस बीच पुलिस विभाग में तबादले हुए तो हवासिंह घुमरिया जोधपुर के आईजी बनकर आए। मामला उनके सामने आया तो जांच तेज करने को कहा।
इसी महीने के पहले सप्ताह में प्रीती कांकाणी ने इस मामले की जांच करके आईजी को सौंपी थी, इसके बाद 8 सितम्बर को माउण्ट आबू थानाधिकारी रामचंद्रसिंह का माउण्ट आबू से सिरोही पुलिस लाइन में स्थानांतरित कर दिया था।
-यूं हुआ सारा खेल
पुलिस जांच के अनुसार इस मामले में महिलाओं के माध्यम से बड़े-बड़े व्यापारियों को फंसाने वाला एक गिरोह काम कर रहा था। इस गिरोह का काम महिलाओं के साथ किसी बड़े व्यापारी को किसी होटल या सुनसान स्थान पर मिलवाना या बुलवाना तथा स्थानीय पुलिस की मदद से उसे पकड़वाना। बाद में फंसे व्यापारी से इज्जत के नाम पर पुलिस की मौजूदगी में मोटी रकम वसूलते थे। यही कुछ यहां पर हुआ। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार इस मामले में भी यही हुआ।
पुलिस अधिकारी रामचंद्रसिंह ने वहां के व्यापारी को महिला के साथ एक होटल से पकड़ा। उसे थाने पर लेकर आए। वहां से इन्हें एक से दूसरी होटलों में ले जाते रहे ताकि व्यापारी थाने में नजर नहीं आए। इनके साथ महिला के परिजनों के नाम पर कुछ लोग भी थे, जो इस प्रकरण में व्यापारी से सौदेबाजी करते रहे। बताया जा रहा है कि पुलिस की मौजूदगी में यह सौदा करीब 35-40 लाख रुपये में सेट हुआ।
जिसमें माउण्ट आबू थानाधिकारी रामंचंद्रसिंह की प्रथम दृष्टया संलिप्तता मानते हुए उसे लाइन हाजिर कर दिया गया था। इस गिरोह का माउण्ट आबू में और भी लोगों को फंसाने की योजना थी, लेकिन पहले ही मामले में यह फंस गए।
-सीसीटीवी फुटेज से रिकवर किए फुटेज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस प्रकरण में अन्य कई बातों के साथ सीसीटीवी फुटेज की रिकवरी ने सबसे बड़ा काम किया। यह मामला 25 जून का है। जिस होटल से व्यापारी और युवती को पकड़ा था। जिस मार्ग से इन्हें पुलिस स्टेशन लाया गया था उन रास्तों और पुलिस स्टेशन के आसपास जहां के सीसीटीवी कैमरे में तस्वीरें कैद होने की आशंकाएं थी, उन कैमरों के 25 जून की रात के सीसीटीवी फुटेज डिलीट थे।
इसने इस प्रकरण की जांच कर रही पुलिस अधिकारी का शक और बढ़ा दिया। जिन स्थानों सीसीटीवी फुटेज गायब थे, इन्हें रिकवर किया गया तो पूरी कहानी सामने आ गई। फिर तकनीक और गवाहियों के बाद एक के बाद एक खुलासे होते गए और शुक्रवार को आईजी के आदेश पर माउण्ट आबू थाने में इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर ली गई।
-गिरफ्तार लोगों के परिजन पहुंचे सिरोही
माउण्ट आबू के प्रकरण में पुलिस भले ही शाम तक एफआईआर और गिरफ्तार किए गए लोगों के बारे में कुछ बता नहीं रही है, लेकिन शुक्रवार शाम को गोयली चौराहे पर जोधपुर से पहुंचे युवकों की बातें इस बात की पुष्टि कर रही थी कि किसे गिरफ्तार किया गया। शाम करीब 6 बजे गोयली चौराहे पर एक काली रंग की एसयूवी आकर खड़ी हुई। इस के आगे कांच पर किसी मीडिया संस्थान के समेत एक दर्जन स्टीकर लगे हुए थे। इनमें से करीब चार लोग उतरे। इधर एक वेन में सिरोही के कुछ युवक आए। यह सभी लोग यहां पर बैठे।
जोधपुर से आए लोगों में से एक व्यक्ति सिरोही के युवक को माउण्ट आबू के उसी व्यापारी का नाम लेते हुए पूरे प्रकरण की जानकारी देने लगा जिसका नाम मीडिया रिपोर्ट में दिया गया था। चार-पांच शब्द बोले होंगे कि सिरोही के युवक ने यह कहते हुए इन लोगों को कोने में बुलवा लिया कि यहां पर मीडियाकर्मी हैं।
फिर कुछ और मीडिया कर्मी एकत्रित हुए तो सिरोही के युवकों ने प्रेस वालों के चौराहे पर आने की बात कही तो यह लोग वाहनों में बैठकर अन्यत्र चले गए। सूत्रों के अनुसार जोधपुर से हिरासत में लिए गए पत्रकार सिरोही में काम कर चुके जोधपुर के मीडियाकर्मियों से माउण्ट आबू में अपने बैनर के लिए रिपोर्टर तलाश करने में जुटा हुआ था।
-विवादों से थानाधिकारी का पुराना नाता
रामचन्द्रसिंह पर जोधपुर जिले के डेचू थाने में पकड़ी गई शराब को बेचने का मामले में जांच हो चुकी है। इस मामले में उन्हें सस्पेंड भी किया गया था।
-थानाधिकारी हैं नदारद
लाइन हाजिर करने के बाद थानाधिकारी रामचंद्रसिंह सिरोही आ गए। एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस उसे गिरफ्तार करने पहुंची तो वह नहीं मिले। बताया जा रहा है कि सिरोही पोलिस लाइन मे जोइन करने के बाद वह छुट्टी लेकर निक्ले थे, इसके बाद नही लौटे। जिला पुलिस अब उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस दल भेजेगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार जांच के अंदर यह सामने आया कि माउण्ट आबू माउण्ट आबू के तत्कालीन थानाधिकारी की इस गैंग के साथ साठगांठ थी।
इस गैंग के निशाने पर वहां के करीब एक दर्जन से ज्यादा व्यापारी थे। इस महिला ने वहां के सूचीबद्ध व्यापारियों से व्हाट्स एप आदि से संपर्क करके प्रगाढ़ता बढ़ाने का प्रयास भी किया, लेकिन कई लोग इस गोरखधंधे में फंसे नहीं। लेकिन एक होटल व्यवसायी इसमें फंस गया। सूत्रों के अनुसार इसी तरह रईसों को फंसाने का मामला इन महिला के खिलाफ जोधपुर जिले में भी दर्ज है। पुलिस अधीक्षक सिरोही ने बताया कि मुइनुल हक जोधपुर में पत्रकारिता के पेशे से जुडा हुआ बता रहा है।
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