जयपुर। पुरोहितजी का कटला में शुक्रवार को उपमहापौर, फायर समिति चैयरमेन के दौरे के दौरान की गई मॉक ड्रिल में फायर कर्मचारी फेल साबित हुए। आग बुझाने वाले सिलेण्डर का भी उपयोग वे सही से नहीं कर पाए।
वहीं दौरे को लेकर व्यापारियों में चर्चा रही कि हर 6 माह में इस तरह के दौरे होते रहते हैं, लेकिन काम-काज कुछ नहीं होता। जानकारी के मुताबिक कटले में संकरी गली के अलावा बड़ी संख्या में अतिक्रमण होने के कारण वहां फायर बिग्रेड का जाना तो दूर आमजन का पैदल चलना भी मुश्किल है। ऐसे में वहां अगर कोई आगजनि की घटना होती है तो उससे निपटने के लिए क्या इंतजाम है इसे देखने उपमहापौर, फायर समिति चैयरमेन और निगम के अधिकारियों ने बाजार का निरीक्षण किया।
खानापूर्ति रहा निरीक्षण
कटले में प्रवेश करने के बाद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों खानापूर्ति के लिए दो-तीन दुकानों में फायर फाइटिंग सिस्टम की जांच की। इसके बाद फोटो खिंचवाई और निकलते बने। इस बीच निगम अधिकारियों ने मॉक ड्रिल भी की, जिसमें वे फेल साबित हुए।
आग बुझाने वाले ही फेल
नगर निगम में वर्तमान में जो फायर शाखा में कर्मचारी लगे हैं वे इतने अप्रशिक्षित है कि कार्यालयों, दुकानों में लगाए जाने वाले आग बुझाने के सिलेण्डरों का भी उपयेाग सही से करना नहीं जानते। ये नजारा देखने को मिला पुरोहितजी के कटले में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के दौरे में मॉकड्रिल के दौरान।
कटले में दुकानदारों को फायर फाइटिंग सिस्टम चलाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा था, जिसके लिए दुकानों की छत पर मॉकड्रिल की गई। जब मॉकड्रिल के दौरान आग बुझाने के लिए मिनी फायर फाइटिंग सिस्टम को चलाया गया तो फायर कर्मचारी उसे चला ही नहीं पाए। इसकों देखकर सभी जनप्रतनिधि और अफसर वहां से निकलते बने। आसपास के लोगों ने तुरंत बाल्टी से पानी लाकर आग को बुझाया।
प्रतिबंध के बावजूद भी वाहनों का प्रवेश
कटले में दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक दुपहिया व रिक्शा चालकों का प्रवेश निषेध है। इसके बाद भी खुले आम दिन में वाहनों से माल लाया व ले जाया जा रहा था।